वाले उपहार, दान एवं सहायता को स्वीकार करना शुरू किया है। साथ ही चीन से भी चिकित्सा उपकरण खरीदने का फैसला किया है।ख़बर सुनेंमहामारी कोरोना वायरस पिछले एक साल से भारत में तबाही मचा रहा है। देश में पिछले कई दिनों से साढ़े तीन लाख से ज्यादा नए कोरोना मरीज मिल रहे हैं। महामारी के तांडव के चलते स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह लड़खड़ा गई है। अस्पताल ऑक्सीजन, दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की कमी का सामना कर रहे हैं। इसके बाद वाले उपहार, दान एवं सहायता को स्वीकार करना शुरू किया है। साथ ही चीन से भी चिकित्सा...
एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि कोरोना महामारी की मार के चलते विदेशी सहायता प्राप्त करने के संबंध में दो बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। भारत को अब चीन से ऑक्सीजन से जुड़े उपकरण एवं जीवन रक्षक दवाएं खरीदने में कोई 'समस्या' नहीं है। वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भी भारत को मदद की पेशकश की है। जहां तक पाकिस्तान से सहायता हासिल करने का सवाल है, तो भारत ने इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया है। सूत्र ने बताया कि राज्य सरकारें विदेशी एजेंसियों से जीवन रक्षक दवाएं खरीद सकती...
दिसंबर, 2004 में आई सुनामी के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने घोषणा करते हुए कहा, ''हमारा मानना है कि हम खुद से इस स्थिति का सामना कर सकते हैं। यदि जरूरत पड़ी तो हम उनकी मदद लेंगे।'' मनमोहन सिंह के इस बयान को भारत की आपदा सहायता नीति में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा गया। इसके बाद आपदाओं के समय भारत ने इसी नीति का पालन किया। वर्ष 2013 में आई केदारनाथ त्रासदी और 2005 के कश्मीर भूकंप और 2014 की कश्मीर बाढ़ के समय भारत ने विदेशी सहायता लेने से साफ इनकार कर दिया।वर्ष 2018...
कोरोना महामारी की मार झेल रहे भारत की मदद के लिए करीब 20 देश आगे आए हैं। भूटान ने ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की पेशकश की है। अमेरिका अगले महीने एस्ट्राजेनेका के टीका भेज सकता है। इस समय अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, आयरलैंड, बेल्जियम, रोमानिया, लक्जमबर्ग, पुर्तगाल, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, भूटान, सिंगापुर, सऊदी अरब, हांगकांग, थाइलैंड, फिनलैंड, स्विटजरलैंड, नार्वे, इटली और यूएई मेडिकल सहायता भारत भेज रहे हैं।महामारी कोरोना वायरस पिछले एक साल से भारत में तबाही मचा रहा है। देश में पिछले कई दिनों...
काहे,150 देशों की मदद हमने नहीं की?
Ye mahamari nhi hai.. Sab kuch pata hote hue bhi bimari ko phailne diya gaya.
मदद माँग नहीं रहे है , दूसरे मुल्कों से , वो खुद दे रहे है, क्योंकि भारत बे दुनिया भर की मदद की थी इसी करोना काल में , याददाश्त कमजोर है क्या ?
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