कोरोना वायरस के कारण देश में महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित है. महाराष्ट्र में 65 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो चुकी है. वहीं ये आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कहना है कि हम लॉकडाउन को धीरे-धीरे खोल रहे हैं और कुछ समय के लिए हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा.महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कहना है कि हम मिशन बिगिन अगेन के साथ अपनी जिंदगी को फिर से शुरू कर रहे हैं.
सीएम ठाकरे ने कहा कि कुछ देशों ने लॉकडाउन नहीं किया, कुछ ने लॉकडाउन खोल दिया लेकिन हमने देखा कि वहां क्या हुआ था. हम जल्दबाजी में कुछ नहीं करना चाहते हैं. तीन जून के बाद हम धीरे-धीरे कदम उठाएंगे. हम लोगों को सुबह की सैर और आउटडोर एक्सरसाइज की अनुमति दे रहे हैं लेकिन भीड़ या सार्वजनिक कामों की इजाजत नहीं है. लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखनी होगी.ठाकरे ने बताया कि 5 जून से छोटे और बड़े शहरों में सड़कों के दोनों ओर वैकल्पिक रूप से दुकानें खोल रहे हैं. 8 जून से ऑफिस खोल रहे हैं.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि राष्ट्रपति शासन की मांग करने वाले और जो ये कह रहे हैं कि महाराष्ट्र सरकार कुछ भी नहीं कर रही है, उन्हें राज्य में कोरोना के आंकड़ों को देखना चाहिए. जब तक जनता हमारे साथ हैं, कोई भी इस सरकार को नहीं गिरा सकता. वहीं अगले रविवार से हम समाचार पत्रों की होम डिलीवरी भी शुरू कर रहे हैं.ठाकरे ने बताया कि हमारे पास 2.5 लाख से ज्यादा आइसोलेशन बेड हैं जिनमें से 25 हजार के साथ ऑक्सीजन की सुविधा है. हम इस संख्या को और बढ़ा रहे हैं.
ठाकरे ने बताया कि अब हमने तय किया है कि हम पहले के सेमेस्टर के आधार पर अंतिम अंक प्रदान करेंगे. हम छात्रों को इंतजार नहीं करा सकते. हम उनका भविष्य नहीं बिगाड़ सकते. अगर किसी को लगता है कि वो परीक्षा में बेहतर स्कोर कर सकते थे तो उन्हें अक्टूबर में फिर से परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी. ठाकरे ने कहा कि अगला महत्वपूर्ण मुद्दा स्कूलों को खोलने के बारे में है. मैं स्कूलों को शुरू करने की तुलना में शिक्षा शुरू करने के बारे में अधिक चिंतित हूं. हम मोबाइल फोन और डेटा कनेक्टिविटी के माध्यम से ई-लर्निंग को लागू करने पर विचार कर रहे हैं.
kamleshsutar वहां बंद करने को बचा ही क्या है। कुछ लोग गुजरात की बात कर रहे हैं । टोंट कसने से इस मामले का हल नहीं होगा।
kamleshsutar Why this bullshit logic of 'corona ka sath jeena shikhna padega' is only for common people Why not for politician Let the assembly start. Let our 'leaders' set an example.
kamleshsutar CM उदय ठाकरेजी पिछले दिनों कह रहे थे हमारी पूरी तैयारी है कोरोना से लड़ने की💪 क्या कोरोना की भी तैयारी है लड़ने की 👈 तो देख लीजिए महाराष्ट्र की दुर्दशा कोरोना लड़ नहीं रहा बल्कि जीत रहा है !✌✌ अब आप कोरोना को उकसा कर लड़ना छोड़ कोरोना के साथ जीना सीखने का सुझाव दे रहे हो 😬😬
kamleshsutar Aapse aaise kuch ukharne bala bhi nahi hai OfficeofUT
kamleshsutar But responsible is Trump but not by Tablighi or administration action as per shivsena samna . People are fools .
kamleshsutar Sometimes acceptance of non competency and taking help of competent and capable people is also known as good leadership rather sitting on dead bodies of own people. StayHome staysafe
kamleshsutar So finally he give up...he has to resigns..
kamleshsutar Lockdown tha hi nahi. Aaj CM ne bola wo to kabhi band hua hi nahi tha. CM: Road k 1 side ki shop khulegi at a time. CM sahab yaha band to hone do pehle dukane. kya aap Maharashtra CM k FB live ma vishaleshan kar sakty hai? I challenge u, u can't find any thing
kamleshsutar मुंबई में अभी lockdown हटाना सबसे बड़ी भूल होगी। किसी मेडिकल एक्सपर्ट की सलाह के बिना नेता इस तरह का फैसला कैसे ले सकते हैं?
kamleshsutar Gujrat mai sab kuchh sahi....chatukaro...
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kamleshsutar गुजरात माडल भी बता दिया जाएं
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