गए दोनों मंत्रियों को सोमवार को उनके विभागों का आवंटन किया। सूत्रों के अनुसार, चौहान ने तुलसीराम सिलावट को जल संसाधन विभाग के साथ-साथ मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग की जिम्मेदारी दी है। गोविंद सिंह राजपूत को राजस्व एवं परिवहन विभाग का जिम्मेदारी सौंपी है।
इन दोनों को पिछले साल 21 अप्रैल को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था, लेकिन तब वे विधायक नहीं थे। कोरोना वायरस महामारी के कारण तीन नवंबर से पहले विधानसभा सीटों के उपचुनाव नहीं हो पाए थे, इसके चलते उन्हें पिछले साल तीन नवंबर में हुए 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव से ठीक पहले संवैधानिक बाध्यता के कारण मंत्री के तौर पर छह माह पूरे होने से एक दिन पहले अक्तूबर में इस्तीफा देना पड़ा था।
उल्लेखनीय है कि कुल 230 सदस्यीय मध्यप्रदेश विधानसभा में मंत्रिपरिषद में कुल 35 सदस्य हो सकते हैं। इन दो मंत्रियों का मंत्रिमंडल में शामिल करने के बाद मध्यप्रदेश मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री चौहान सहित कुल 31 सदस्य हो गए हैं। इन दोनों को पिछले साल 21 अप्रैल को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था, लेकिन तब वे विधायक नहीं थे। कोरोना वायरस महामारी के कारण तीन नवंबर से पहले विधानसभा सीटों के उपचुनाव नहीं हो पाए थे, इसके चलते उन्हें पिछले साल तीन नवंबर में हुए 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव से ठीक पहले संवैधानिक बाध्यता के कारण मंत्री के तौर पर छह माह पूरे होने से एक दिन पहले अक्तूबर में इस्तीफा देना पड़ा था।
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