यह अच्छा हुआ कि पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापनों के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जहां बाबा रामदेव एवं उनके सहयोगी बालकृष्ण के वकील से कुछ और सवाल पूछे, वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आइएमए से भी कई ऐसे प्रश्न किए, जिनका संतोषजनक उत्तर वह शायद ही दे पाए। पता नहीं आइएमए इस सवाल का क्या जवाब देगी कि आखिर एलोपैथ चिकित्सक गैर जरूरी एवं महंगी दवाइयां लिखने के साथ कुछ खास दवाओं की पैरवी क्यों करते हैं, लेकिन यह किसी से छिपा नहीं कि एलोपैथ चिकित्सा क्षेत्र में भी सब कुछ ठीक नहीं। इसी...
जरिये ऐसे उत्पादों का प्रचार करती हैं, जो शिशुओं और स्कूली बच्चों के साथ बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई का विवरण मांग कर बिल्कुल सही किया, क्योंकि अनेक कंपनियां भ्रामक विज्ञापन देने के मामले में बेलगाम दिखती हैं। इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि पिछले कुछ समय से ऐसे विज्ञापनों की बाढ़ सी आई हुई है, जो मिलते-जुलते नाम वाले उत्पाद के सहारे ऐसे उत्पादों का प्रचार करते हैं, जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक हैं। यह और...
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