ज्योति सिडाना आज के दौर को क्रोध या अवसाद का युग कहा जाने लगा है। यह देखा गया है कि मनुष्य ने विज्ञान और तकनीक के सहयोग से विकास की ऊंचाइयों को भले ही छू लिया है, लेकिन खुश रहना आज भी उसे नहीं आया है। शायद यही कारण है कि ‘हैप्पीनेस इंडेक्स’ या खुशी के सूचकांक में विश्व के अधिकांश समाजों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। भौतिकतावादी संसाधनों को एकत्र करने की होड़ में मनुष्य अवसाद, कुंठा और निराशा के गर्त में गिरता जा रहा है। अवसाद एक ऐसी मानसिक स्थिति है, जिसमें लोग उदासी, अकेलापन या ऊर्जा की कमी...
com/watch?v=88no_0dwKhk&t=18s इसकी गंभीरता को देखते हुए जापान में फरवरी 2021 में ‘मिनिस्ट्री आफ लोनलीनेस’ यानी अकेलेपन को दूर करने के लिए मंत्रालय बनाया गया। इसका उद्देश्य लोगों को अवसाद से बाहर लाना, उन्हें अकेलेपन से मुक्त कराना और आत्महत्या करने से बचाना था। इसके बावजूद आत्महत्या के मामलों में कमी नहीं, बल्कि वृद्धि देखी गई। इसका अर्थ है कि केवल मंत्रालय या विभाग बना देना इस समस्या का हल नहीं है। देखा जाए तो यह एक गंभीर चिंता का विषय है जिसका उपचार या समाधान करना परिवार, समाज और देश के...
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