हालात में अधिकतर बैंक डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने वाले तंत्र विकसित कर रहे हैं। अनुमान है कि 2023 तक डिजिटल भुगतान में करीब 20 लाख करोड़ का और इजाफा हो जाएगा।
इसका सबसे बड़ा कारण महामारी है, जिसने बैंकों ने डिजिटलीकरण अपनाने के लिए मजबूर कर दिया है। डिजिटल भुगतान कंपनियों के 120 से भी ज्यादा कार्यकारी अधिकारियों से बातचीत पर आधारित रिपोर्ट के अनुसार, बैंक भी दशकों बाद नए तरह के नियमों को अपनाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर भी डिजिटलीकरण में तेजी आएगी और 2023 तक डिजिटल ट्रांजेक्शन में 420 का इजाफा होगा। इससे करीब 51.
कॉरपोरेशन बैंक के 14 फीसदी डिजिटल लेनदेन असफल रहे हैं। इसके अलावा केनरा बैंक में 9.8 और बैंक ऑफ इंडिया में 4.2 फीसदी डिजिटल लेनदेन असफल साबित हुए हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए बैंकों को अपनी तकनीक और बेहतर बनानी होगी। इसका सबसे बड़ा कारण महामारी है, जिसने बैंकों ने डिजिटलीकरण अपनाने के लिए मजबूर कर दिया है। डिजिटल भुगतान कंपनियों के 120 से भी ज्यादा कार्यकारी अधिकारियों से बातचीत पर आधारित रिपोर्ट के अनुसार, बैंक भी दशकों बाद नए तरह के नियमों को अपनाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर भी डिजिटलीकरण में तेजी आएगी और 2023 तक डिजिटल ट्रांजेक्शन में 420 का इजाफा होगा। इससे करीब 51.
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