ऐसी मिसाइल या रॉकेट जो तेज गति से जाकर अंतरिक्ष में दुश्मन देश के सैटेलाइट को मार गिराए. उसे एंटी-सैटेलाइट हथियार कहते हैं. ASAT s दो तरह के होते हैं. पहला मिसाइल की काइनेटिक ऊर्जा का फायदा उठाकर किसी सैटेलाइट से टकरा देने से सैटेलाइट खत्म हो जाती है. दूसरा नॉन-काइनेटिक हथियार, यानी साइबर अटैक किया जाता है.आपको याद होगा कि 27 मार्च 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एंटी-सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट की जानकारी देकर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था.
लेकिन ऐसी खबरें आ रही हैं कि भविष्य में होने वाले एंटी-सैटेलाइट टेस्ट ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकता है.बात 1957 की है जब सोवियत संघ ने दुनिया का पहला सैटेलाइट स्पुतनिक-1 लॉन्च किया. अमेरिका को लगा कि दुश्मन धरती की कक्षा में परमाणु हथियार तैनात कर रहा है. तब अमेरिका ने पहला ASAT बनाया.फिर सोवियत ने भी अपना ASAT बना डाला. नाम दिया को-ऑर्बिटल्स . 2007 में चीन भी इस रेस में शामिल हुआ.भारत के पास एंटी-सैटेलाइट मिसाइल के लिए पृथ्वी एयर डिफेंस सिस्टम है.
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