एलएसी के आसपास भारत और चीन की सेनाएं अपने-अपने मोर्चे पर डटी हैं. चीनी पक्ष की ओर से किसी प्रकार की नरमी के संकेत नहीं हैं और वहां की सेना लगातार अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है. भारतीय क्षेत्र से सटे इलाकों में चीनी सैनिक अर्टिलरी और आर्मर्ड यूनिट तैनात कर रहे हैं. ये वो इलाके हैं जहां से भारतीय सीमा की दूरी महज कुछ घंटे में तय की जा सकती है.
हाल के दिनों में दोनों देशों की सेनाएं कई बार आमने-सामने आ चुकी हैं. एलएसी पर दोनों देशों की सेना अपना मोर्चा संभाले हुए है. सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया है कि कई मौके आए जब सेनाएं एक दूसरे के सामने आईं. खासकर फिंगर फोर का इलाका जहां बड़ी संख्या में चीनी सैनिक जुट गए और उस पूरे इलाके पर अपना दावा करने लगे. वहां की सड़क और झील का इस्तेमाल करते हुए चीन ने अपनी सेना उस इलाके में भेजी है.
सूत्रों ने इंडिया टुडे को यह भी बताया कि दोनों ओर से कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. यहां तक कि दोनों देशों में कमांडिंग ऑफिसर और ब्रिगेड स्तर के अधिकारियों के बीच बात हो चुकी है. इस विवाद पर मई के पहले हफ्ते से वार्ता चल रही है. आगे इस हालात का समाधान निकालने के लिए मेजर जनरल स्तर की वार्ता होने वाली है. एक सूत्र ने इंडिया टुडे से कहा, ऐसा लगता है कि चीनी सेना जानबूझ कर बातचीत टाल रही है ताकि उस इलाके में जमावड़ा लगाने का ज्यादा वक्त मिले.
सूत्रों ने कहा कि चीन के जवाब में भारत ने भी अपनी फौज लगाई है. लद्दाख सेक्टर के कई इलाकों में ऊंचाई पर सैनिकों की तैनाती की गई है. चीन के 5 हजार सैनिकों के जवाब में भारत ने भी अपनी फौज खड़ी की है. सूत्रों का कहना है कि जिन-जिन इलाकों में चीनी सैनिक घुसे हैं, उनके सामने भारतीय फौज डटी है और उन्हें किसी भी दिशा में मूव करने से रोका जा रहा है. भारतीय सीमा में घुसने की उन्हें कोई इजाजत नहीं है.
लद्दाख क्षेत्र में चीन की मंशा बड़े स्तर पर घुसपैठ करने की थी, लेकिन भारतीय फौज ने उनके इरादे पर पानी फेर दिया. चीनी सैनिकों के जवाब में भारत ने भी अपनी सेना खड़ी की. हालांकि सूत्रों का कहना है कि चीनी सैनिक अभी पीछे हटने के मूड में नहीं हैं और भारत के विरोध के बावजूद वे डटे रहना चाहते हैं. हाल की बातचीत में चीन ने लद्दाख सेक्टर में सैन्य जमावड़े का विरोध किया है, खासकर डीबीओ सेक्टर में. यह सेक्टर काराकोरम सेक्टर के नजदीक पड़ता है जहां से भारत और चीन के बीच एलएसी की शुरुआत होती है.
अतिथि ने चा स्वीकारी फिर जा स्वीकारे!👃 चीन पर तो निर्भरता खत्म कर लो! आत्मनिर्भरता तो दूरकी बात 1 उद्योग धंधा 2 अतिथि लद्दाख से कब जाओगे!
Ok
Jung Post upon karna Dushman Ko mazboot Karna hey Jabh poora world Chini Werish Khatam kar Raha Hey too ek sath udha de China Werish duniya Yeah Chiri marr duniya ko.ullu banany Ko border par Sazish Karny wale hey
Kyun galat information dete ho. China to kabka LAC cross kar k India side aa kar baitha hua hai. LAC kahan aa gaya bich mein. Indian region mein chinese Army hai.
China is currently working on the expansionist policy., . China must pay its full priceChina is currently working on the expansionist policy. China should answer in the same language, he does not understand that India is no longer a 1961 India. China must pay its full price
अब फटी तो पिछे हटी 🚩🚩जय श्री राम 🚩🚩
manjeetnegilive vulnerable chines base can be destroy within a min
manjeetnegilive Sad bt true. .
manjeetnegilive हमारे jawano k sath lya hua ye nhi bataya surgical k time kha goli giri kitni giri sub bta diya tha
manjeetnegilive न सर कटेगा नही सर झुकेगा भारत माता की सुरक्षा ही सर्वोपरी न्यू इंडिया सक्षम है । सेना का आत्म विश्वास अटूट है अटल है देश की शान हरगिज मिटा नही सकते भारत माता की जय जय हिन्द ।
manjeetnegilive
manjeetnegilive बने रहो ,दुश्मन ताकतवर हो तो उसे हराने के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए बस ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाया जाए,बीजिंग जलेगा तो चीन पैर पकड़ेगा
manjeetnegilive No worries if they're there so are we escalation is going to give loss to both not one and maturity day at this time when every country is in bad shape economically should avoid confrontation may sense prevail to Chinese side
manjeetnegilive Jai Shree Ram 🙏 🇮🇳 🕉 🚩 🙏
manjeetnegilive Such me Khy DOGLI MEDIA 😡😡😡😡😠
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