से बढ़ी है। पूरे देश में 150 यूनिवर्सिटी और कॉलेज हैं। पिछले पांच साल में इनमें से 100 संस्थानों में ड्रॉपआउट रेट में इजाफा हुआ है। कई संस्थानों में तो हर सात में से एक छात्र कोर्स पूरा किए बिना उसे छोड़ देता है। ताजा आंकड़े सामने आने के बाद सरकार ने यूनिवर्सिटी में हर कोर्स के साथ ड्रॉपआउट रेट बताना अनिवार्य कर दिया है।
यूनिवर्सिटी मामलों के मंत्री क्त्रिस्स स्किडमोर ने कहा है कि शिक्षण संस्थानों को सारा जोर छात्रों के केवल प्रवेश देने पर नहीं होना चाहिए। बढ़ते ड्रॉपआउट रेट के चलते कई डिग्रियों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं। डिग्री लेने के लिए अक्सर छात्र लोन लेते हैं, लेकिन कई बार उनकी कमाई उम्मीदों के अनुरूप नहीं होती। कई बार उनकी कमाई बिना डिग्री वाले युवाओं से भी कम होती है। विशेषज्ञ पहले ही इन तथाकथित मिकी माउस कोर्सेज की आलोचना करते रहे...
कई संस्थानों में प्रवेश देने के लिए शैक्षिक योग्यताओं में भी ढील दी जाती है। ऐसा छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए किया गया है, लेकिन विशेषज्ञ इस पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। इधर, सरकार टैलेंट के बर्बाद होने को लेकर चिंतित है। मंत्री स्किडमोर ने कहा है, यूनिवर्सिटी को हर कोर्स के बारे में ड्रॉपआउट रेट बताना होगा। तभी हम जान पाएंगे कि वास्तविक समस्या क्या है।डूंडी के एबर्टे यूनिवर्सिटी में ड्रॉपआउट रेट पांच साल में 3.5 फीसदी से बढ़कर 12.1 फीसदी हो गया। बेडफोर्डशायर यूनिवर्सिटी में यह अनुपात 8.
से बढ़ी है। पूरे देश में 150 यूनिवर्सिटी और कॉलेज हैं। पिछले पांच साल में इनमें से 100 संस्थानों में ड्रॉपआउट रेट में इजाफा हुआ है। कई संस्थानों में तो हर सात में से एक छात्र कोर्स पूरा किए बिना उसे छोड़ देता है। ताजा आंकड़े सामने आने के बाद सरकार ने यूनिवर्सिटी में हर कोर्स के साथ ड्रॉपआउट रेट बताना अनिवार्य कर दिया है।यूनिवर्सिटी मामलों के मंत्री क्त्रिस्स स्किडमोर ने कहा है कि शिक्षण संस्थानों को सारा जोर छात्रों के केवल प्रवेश देने पर नहीं होना चाहिए। बढ़ते ड्रॉपआउट रेट के चलते कई डिग्रियों...
कई संस्थानों में प्रवेश देने के लिए शैक्षिक योग्यताओं में भी ढील दी जाती है। ऐसा छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए किया गया है, लेकिन विशेषज्ञ इस पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। इधर, सरकार टैलेंट के बर्बाद होने को लेकर चिंतित है। मंत्री स्किडमोर ने कहा है, यूनिवर्सिटी को हर कोर्स के बारे में ड्रॉपआउट रेट बताना होगा। तभी हम जान पाएंगे कि वास्तविक समस्या क्या है।डूंडी के एबर्टे यूनिवर्सिटी में ड्रॉपआउट रेट पांच साल में 3.5 फीसदी से बढ़कर 12.1 फीसदी हो गया। बेडफोर्डशायर यूनिवर्सिटी में यह अनुपात 8.
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