चार अप्रैल को डिजिटल पोर्टल ‘बोलता हिंदुस्तान’ के यूट्यूब चैनल को ब्लॉक कर दिया गया, जिसके बाद कहा जा रहा है कि सरकार तानाशाही भरे फैसले ले रही है. सरकार वैकल्पिक मीडिया को चुप करवाना चाहती है. जो पत्रकार सवाल करते हैं, कमियां गिनवाते हैं, आलोचना करते हैं, आंदोलनों की आवाज़ उठाते हैं, उनकी बोलती बंद करवाना चाह रही है.
गूगल लीगल सपोर्ट की तरफ से आया ईमेल कहता है कि ‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के निर्देश’ पर कार्रवाई की जा रही है, आपका चैनल यूट्यूब से हटा दिया गया है. दूसरे पैराग्राफ में बताया जाता है कि सन 2000 और सन 2021 में लागू हुए ब्रॉडकास्ट नियमों का उल्लंघन किया गया है, इसलिए ये कदम लिया गया है. तीसरे पैराग्राफ में बताया जाता है कि कॉन्फिडेंशियल रखने का निर्देश दिया गया है, इसलिए हम आपके साथ यह नोटिस साझा नहीं कर सकते.
इधर एक्स प्लेटफॉर्म पर यूट्यूब इंडिया का जवाब आता है, उधर फीडबैक में भी लगभग वही जवाब आता है कि हमने आपका चैनल ब्लॉक कर दिया है क्योंकि यह कम्युनिटी गाइडलाइंस का उल्लंघन कर रहा था. मगर ये नहीं बताया जाता कि यूट्यूब के कौन-सी कम्युनिटी गाइडलाइंस का उल्लंघन हो रहा था या फिर सिर्फ सरकार के निर्देश को आदेश मानकर फैसला लिया गया है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के जज तमाम टीवी चैनलों के नाम लेकर, उनके एंकर और डिबेट प्रोग्राम के नाम लेकर बताते हैं कि ये लोग नफ़रत फैला रहे हैं समाज में वैमनस्य फैला रहे हैं, इसलिए इन पर कार्रवाई की जानी चाहिए. इसके बावजूद उन पर कार्रवाई नहीं की जाती है और यूट्यूब भी ऐसे चैनलों पर कोई कार्रवाई नहीं करती है.
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