रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तमाम कोशिशों के बावजूद बैंकों में धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं. आरबीआई की ताजा रिपोर्ट बताती है कि बैंकों के फ्रॉड में 74 फीसदी का इजाफा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक 2018-19 में 71,543 करोड़ रुपये की कुल धोखाधड़ी हुई जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 41,167 करोड़ रुपये था.
सबसे अहम बात ये है कि धोखाधड़ी के मामले में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सबसे आगे हैं. धोखाधड़ी के कुल मामलों में 55.4 फीसदी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से जुड़े थे. वहीं राशि के मामले में यह 90.2 फीसदी है. यह सरकारी बैंकों में परिचालन जोखिमों से निपटने में आंतरिक प्रक्रियाओं, लोगों और प्रणाली में खामियों को बताता है.
बता दें कि सरकार ने इसी साल फरवरी में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में धोखाधड़ी का समय पर पता लगाने, उसकी सूचना देने और जांच को लेकर रूपरेखा जारी किया था. इसके तहत बैंकों को 50 करोड़ रुपये से अधिक के नॉन परफॉर्मिंग अकाउंट में धोखाधड़ी की आशंकाओं का आकलन करने की आवश्यकता है ताकि धोखाधड़ी वाले लेन-देन का खुलासा समय पर हो सके.
रिपोर्ट के अनुसार संभवत: इसी कारण 2018-19 में धोखाधड़ी के ज्यादा मामले सामने आएं. वहीं निजी क्षेत्र और विदेशी बैंकों की धोखाधड़ी में कुल धोखाधड़ी में हिस्सेदारी क्रमश: 30.7 फीसदी ओर 11.2 फीसदी रही। राशि में इन बैंकों की हिस्सेदारी क्रमश: 7.7 फीसदी और 1.3 फीसदी रही.आरबीआई की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सभी बैंकों का सकल एनपीए अनुपात 2018-19 में घटा है. जबकि इससे पहले लगातार 7 साल इसमें वृद्धि हुई थी. आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक सालाना आधार पर एनपीए के मोर्चे पर अच्छा सुधार दिखता है.
सरकारी बैंकों में इतना धोखाधड़ी क्यों बढ़ रही जिम्मेदार कौन जबकि प्राइवेट बैंक में नहीं प्राइवेट बैंक में जिसने निवेश किया वो शानदार रिटर्न दे रहे ओर सरकारी बैंकों में निवेश किया उसके रिटर्न गया भाड़ में मुलधन डुब गया कौन करेगा निवेश फिर प्राइवेट सैक्टर का मैनेजमेंट हो ताकि नफा
फिर से सर्व कराओ मोदी से भी आगे है क्या? MeraPMJhoothaHai
मोदी मोदी मोदी मोदी मोदी मोदी मोदी मोदी
Bhai ham media wale bhi ,r not much behind, we r also making new records everyday for the last 70 yrs. We did the same with Indian history n current affairs
Lots of political pressure and interference of other stakeholders create hurdles now a days banker done apy or other government sponsored schemes instead of banking and we r much better than private banks 😏😏😏😏
Thtswhy i hate govt bank
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