सोनभद्र जाने की जिद पर अड़ीं प्रियंका वाड्रा, में जाने के लिए तब नदी पार करके जाना था, पर उस दौरान न तो नाव थी और न ही कोई और साधन। ऊपर से शाम भी ढल रही थी। सामने पानी से भरा कच्चे रास्ता था, जिस पर हिम्मत जुटाते हुए इंदिरा पैदल ही चल पड़ीं थी। आनन-फानन में जीप मंगाई गई। वह भी कीचड़ और पानी में फंस गई। जनसत्ता ऑनलाइन नई दिल्ली | July 19, 2019 7:08 PM 1977 में इंदिरा इसी मोती नाम के हाथी पर सवार होकर बेलछी पहुंची थीं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र...
हालांकि, प्रियंका ने आज जिस स्थिति का सामना किया, इससे भी विकट हालात 1977 में उनकी दादी इंदिरा गांधी के सामने आए थे। दरअसल, किस्सा बिहार में बेलछी नरसंहार से जुड़ा है। कांड के बाद इंदिरा कई मुश्किलों का सामना करते हुए हाथी पर सवार होकर पीड़ितों का हाल जानने गांव पहुंची थीं। उनकी बहू यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की जीवनी ‘द रेड साड़ी’ लिखने वाले जेवियर मोरो ने किताब में इसी किस्से का जिक्र किया है।
Priyanka Gandhi Vadra in Narayanpur on if she has been arrested: Yes, we still won’t be cowed down. We were only going peacefully to meet victim families. I don’t know where are they taking me, we are ready to go anywhere.’ pic.twitter.
आगे ट्रैक्टर का सहारा लिया गया, वह भी साथ न दे पाया। ऐसे में हाथी बुलाया गया, जिस पर बैठकर साढ़े 3 घंटे का सफर तय करने के बाद इंदिरा बेलछी पहुंची थीं। वाकये के अगले दिन हाथी पर बैठीं इंदिरा के फोटो ने देश-विदेश के मीडिया में खूब सुर्खियां बंटोरी थीं। Also Read Hindi News से जुड़े अपडेट और व्यूज लगातार हासिल करने के लिए हमारे साथ फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल के साथ लिंक्डइन पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App
प्रियंका गांधी हिरासत मे -कुछ भी करले 2022मे CM नही बनने वाली यु पी की.. जरा घरवाले की चिंता कर (जेल जाने वाला है)
Kaya Belchhi k hatyaro Ko insaf Mila tha. E bhi batae ....
Isko bhi gadhe ( donkey)pe to sawar Hona chahiye tha
पारिवारिक कलह से अध्यक्ष बनने में बाधा पर बढत बनाने के लिए नाटक। बालहठ के बाद त्रिया हठ ले डूबेगा कांग्रेस को।
हाथी का इंतजाम होना चाहिए था,किसी घटना का पुनर्स्थापित करना हो तो नाटक कहलाता है और नाटक पूरी तरह से होना चाहिए आधा अधूरा नही
अजी सुनती हो सोनभद्र में एक झगडे वाली जमीन का पता चला है तुम जाओ, जाकर देख आओ, मैं कब्जा जमाने की तरकीब सोचता हूं😎😁
अच्छा प्लाट तैयार किया गया है!
Kya vip Panna hai jinke ghar main mattam hai whho inko Kahi bhi aaker mile , 13 din mil lete aaj hi jaruri hai
तब तो प्रियंका को भैंसे पर सवार होकर जाना चाहिए, तभी नाक मैच होगी इंदिरा से
Ye kalmuhi Phir Aa Gai Aapani Nakh Lekar.... Aab Toa Hum Bhi Laxman Ji ko Bulate Hai... Wahi Fhesla Karenge Eis Nakh ka... Surpa Nakha Ko Yad Kar Le Kalmuhi ? Nahi Toa Savdhani Hati.. Tere Sath Durghatna Ghati....? Jai Ho Laxman bhaiya
धरना देने है तो जम्मू कश्मीर में जा कर दो वाहा से हिदू को मर कर भगा दिया गया था रातों रात
भारत यादव पुत्र नत्थो यादव लस्सी दुकानदार--जिसको मुस्लिम भीड़ ने मॉब लिंचिंग करके इसी रमज़ान 18 मई,2019 को मथुरा,उप्र में मार डाला था। उसके घर भी जाना चाहिए था। priyankagandhi
जब इतनी बड़ी दिग्गज नेता प्रियंका गांधी जी को पीड़तों से मिलने के लिये रोका गया और गिरफ्तार भी किया गया तो हम आम जनता की कोण सुनेगा । ये तो यूपी सरकार मनमानी है कोई किसी की नही सुन रहा है जय हो यूपी सरकार
मतलब ये कि कोंग्रेस्स को revive होने के लिए बली का इन्तेजार रहता है ....और वैसे भी वो इंदिरा थी ...ये प्रियंका है ...एक चोर की पत्नी ...!!
Vo indira thi ye Priyanka hai yhi difference bahut hai
नौटंकी बाज
उस वक्त और इस वक़्त में बहुत अंतर है
ये क्या बैठगी हाथी पर ? भ्रस्टाचार करने वाले नौटंकी कर सकते है राजनीती नही !
Sab dikhava hai
नेता जी और इंदिरा के अंदाज में प्रियंका...
ये पुरा परिवार ही नौटंकीबाज है !!!
जिस प्रकार पाकिस्तान अमेरिका ओर अन्य देस को बेह्लाने के लिए कहानिया बनाता ह उसि प्रकार हमारे देश कि एक राज्निति दल को राजनीति मे बने रेहने के लिये कहानिया बनाने कि आव्सक्ता है ओर वे अपनि इस अव्स्क्ता को पुरा करने कि कोसिस भि कर रहे हैं
Dear जनसत्ता मेरा मतलब है कांग्रेसी तोते। एक बात बताओ क्या आपको सच में लगता है कि कांग्रेस का विरोधी आज उतना कमजोर है जितना इंदिरा के समय था?
प्रियंका पत्तरकारो और मीडिया के माथे पर सवार हो के गयी है और एहि सबसे बड़ा भूल कर गयी।
CinemaTmp ये गांधी परिवार नहीं गिद्ध परिवार है, पहले अपने ही पाले सपोलो से डंसवाती है, फिर जले पर नमक छिड़कने जाती है, यह परिवार, भारत की जनता को राजनीति सिखाती है या मूर्ख बनाती है
अब इस पर भी राजनीति हद है कांग्रेस पार्टी की
प्रियंका वाड्रा वहां पर पीड़ितों के आंसू पोछने नहीं डूबती हुई कांग्रेस की नैया बचाने के लिए राजनीति करने जा रही है जनता को बेवकूफ समझ रखा है 84 के सिख नरसंहार के लिए जिम्मेदार गांधी परिवार को किसी के मामले में बोलने का अधिकार नहीं है
कांग्रेस सिर्फ लाशों की राजनीति करती हैं आग लगाने के लिए पीड़ितो से मिलना है प्रियंका वाड्रा जी अगर इतना ही प्यार है तो उनकी आर्थिक मदद करिए जो आप करेगी नहीं क्योंकि आपको वो नहीं उनकी सहानुभूति चाहिए राजनीति करने के लिए
अब कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नही है तो कम से कम जनता के बीच जाना सीख रहे हैं।लेकिन जनता ने इनको नकार दिया है।
यही तो चौरासी दँगे मे मारे गये सिखों के परिवार पूछ रहे हैं,क्यों खून बहाया उनके परिजनों का और रोने पर आँसू भी नही पोंछे उल्टा बेहयाई बतियाने लगे कि बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है।
राजनीति छोड़ो सीधी बात का जवाब दो सिक्ख नरसंहार जो कांग्रेस ने ही करवाया उनके कितने बार आंशू पोंछे तुम ज़ालिमों ने ? ? 🤔😏
ग़ुलाम पत्रकारिता की हद एक ऐसी महिला जिसका पति ED के चक्कर खा रहा है धन उगाहने के केस में ज़मानत पर बाहर है जिस महिला का देश में कोई योगदान नहीं ये ग़ुलाम मीडिया उसको ग्लोरिफ़ाई कर रहा है INCIndia
Gandhi parivar ishi ke liye roti khate h apani rajniti ki dukan chalate h ye log
१०लोगो की मौत पर सत्ता पाने का सुनहरा अवसर प्रियंका जी को मिला है,राहुल जी विदेश में मजे कर रहे होंगे, इस अवसर का ध्यनवाद किया होगा
पहले दादी के नाक अब बेलछी नरसंहार से तुलना । वो समय अब गया कि एक ही परिवार को धोते रहो।
Now priyanka is political mood so better
Han lekin uswqt Narendra Modi nhi the na..indira Gandhi ne to wapis ane ke baad chunav bhi to jeeta tha.. sympathy wali jeet..par jeet to jeet hoti hai
1984 सिख नरसंहार के बाद भी कोई क्यो नहीं पहुंचा था
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