बंगाल चुनाव में कांग्रेस-लेफ्ट के बीच गठबंधनबिहार चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन महागठबंधन की सबसे कमजोर कड़ी साबित हुई है. कांग्रेस अपना पुराना प्रदर्शन भी दोहराने में फेल रही जबकि वामपंथी दलों ने बेहतर प्रदर्शन किए हैं. ऐसे में बिहार चुनाव का सियासी असर पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनाव पर पड़ सकता है. कांग्रेस के बंगाल में सत्ता की वापसी की राह में एक तरफ दिक्कतें बढ़ेंगी तो दूसरी तरफ लेफ्ट के साथ सीट शेयरिंग में कांग्रेस की बार्गेनिंग पॉजिशन पर भी असर पड़ सकता है.
वहीं, पश्चिम बंगाल के कांग्रेस प्रभारी जितिन प्रसाद ने इंडिया टुडे से कहा है, 'मैं दीपांकर भट्टाचार्य का ध्यान साल 2016 के बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजों की ओर ले जाना चाहता हूं, जिसमें कांग्रेस ने 44 सीटें जीतकर 50 फीसदी जीत प्रतिशत हासिल किया था, जिसकी तुलना में वामदलों ने 33 सीटें जीती थीं और उसका जीत प्रतिशत 16.17 फीसदी रहा था. सियासी दलों के बीच गठबंधन विचारधारा और साझा लक्ष्य के आधार पर बना था. इसीलिए उसे नतीजों के आधार पर नहीं देखा जाना चाहिए.
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