उसमें सारे राजनीतिक दलों ने अपनी बातें रखीं, केंद्र ने भी उन्हें भरोसा दिलाया कि जनता के हित में जो कुछ हो सकता है, वह करेगा। उस बैठक में असल मुद्दा विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन और फिर चुनाव कराना था। उसके बाद ही लगभग एक साल से रुके परिसीमन आयोग के काम को आगे बढ़ाने की शुरुआत हुई है। आयोग के सदस्य घाटी के दौरे पर हैं। मगर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी यानी पीडीपी ने आयोग के साथ बैठक में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। बाकी दलों ने अपने नुमाइंदे तय कर दिए हैं। पीडीपी की इस अचानक पलटी से परिसीमन के...
अब किसी भी सूरत में केंद्र सरकार कश्मीर को विशेष दर्जा वापस लौटाने से रही। मगर पीडीपी का जनाधार चूंकि कश्मीर को आजाद सूबा मानने और कश्मीरी अस्मिता की वकालत करने वालों के बीच है, इसलिए वह एकदम से उससे अलग नहीं हो सकती। अब वह परिसीमन आयोग और परिसीमन की प्रक्रिया को ही असंवैधानिक करार दे रही है। उसका कहना है कि जब 2026 तक किसी भी राज्य में परिसीमन पर रोक लगी हुई है, तो कश्मीर में इसे क्यों कराया जा रहा है। मगर उसके इस तर्क में कोई दम नजर नहीं आता। जम्मू-कश्मीर की स्थिति अब वही नहीं रह गई है, जो...
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