उच्चतम न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी के पांच नेताओं को शुक्रवार को उनके खिलाफ पश्चिम बंगाल में दर्ज आपराधिक मामलों में अंतरिम संरक्षण प्रदान किया और राज्य की पुलिस को निर्देश दिया कि इन नेताओं के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए. भाजपा के इन नेताओं में मुकुल रॉय के अलावा दो सांसद कैलाश विजयवर्गीय और अर्जुन सिंह भी शामिल हैं.
भाजपा नेताओं की ओर से पेश अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी के इशारे पर पार्टी नेताओं पर आपराधिक मामले थोपे जा रहे हैं. न्यायालय ने इन नेताओं को अंतरिम संरक्षण प्रदान करते हुए सीआईएसएफ से तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पश्चिम बंगाल भाजपा नेता कबीर शंकर बोस के सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़प के बारे में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट मांगी है. कबीर शंकर बोस ने न्यायालय में अलग से याचिका दायर की है.
अर्जुन सिंह एक जून, 2020 से पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने यह आरोप भी लगाया है कि उनके मकान पर बम से हमला किया गया और टीएमसी के एक कार्यकर्ता ने उनकी कार क्षतिग्रस्त कर दी, जिसने उन पर पथराव किया और बम फेंका था.
सुप्रीम कोर्ट की माया निराली है।
ममता बनर्जी की मादरचोद राजनीति के बारे मे भी थोडा बता दो
Does a common man will get such protection from judiciary
Kyuki court me bjp ke agent baithe h
Wah wah, lajawaab!
ये सुप्रेम कोर्ट नहीं सुप्रेम कोठा हे॥
Supreme Court !
Desh men tanasahi chal rahi hai. Bjp wale kuchh bhi kar sakte hain
Ab isko kya kahenge
अरे वा अब सुप्रीम कोर्ट भाजप के गुन्हेगारो को भी बचायेगी TooMuchDemocracy toomuchdictatorship
उत्तर प्रदेश के लिए कहा सो जाता है सुप्रीम कोर्ट
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