बंगाल में खूनी संघर्ष: अक्सर राज्य में हिंसा क्यों भड़क जाती है, ऐसी बड़ी घटनाओं का इतिहास क्या?

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बंगाल में खूनी संघर्ष: अक्सर राज्य में हिंसा क्यों भड़क जाती है, ऐसी बड़ी घटनाओं का इतिहास क्या? WestBengal Birbhum PoliticalViolence TMC BJP

पढ़ें अमर उजाला ई-पेपरपश्चिम बंगाल के बीरभूम में टीएमसी नेता और उपप्रधान भादू शेख की हत्या के बाद सोमवार देर रात हिंसा भड़क गई। यहां भीड़ ने 10-12 घरों के दरवाजे को बंद कर आग लगा दी। एक ही घर से 7 लोगों के शव निकाले गए हैं। भड़की हिंसा में अब तक कुल 10 लोगों की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में टीएमसी के उपप्रधान की हत्या का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है।राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपना एक वीडियो ट्वीट करके उन्होंने लिखा कि भयानक हिंसा और आगजनी की...

राज्य के राजनीतिक परिदृश्य पर एक और धब्बा 1970 का सैनबाड़ी हत्याकांड था, जिसमें क्रूरता की सारी हदें पार हो गई थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के प्रति निष्ठा रखने वाले भाइयों को वामपंथियों के कथित समर्थकों ने काट दिया गया था और कथित तौर पर उनकी मां को उनके बेटों के खून से सने चावल खाने पर मजबूर किया गया था।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक1997 में तत्कालीन पश्चिम बंगाल सरकार ने विधानसभा में यह बात स्वीकार की थी कि 1977 में वाम मोर्चे की सरकार बनने के बाद से राज्य में 28 हजार राजनीतिक हत्याएं हुई...

वर्ष 2018 के पंचायत चुनावों में आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कम से कम 50 लोगों की हत्या हुई थी। भाजपा नेताओं का दावा रहा कि साल 2018 के पंचायत चुनाव से लेकर 2021 तक उसके करीब सौ कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है। वहीं टीएमसी का कहना है कि उसके इससे भी ज्यादा कार्यकर्ताओं की जान गई है। हालांकि, भाजपा के आरोप पर तृणमूल कांग्रेस कहती रही है कि भाजपा नेताओं की हत्या के पीछे आपसी रंजिश और पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी जिम्मेदार है।माना जाता है कि अक्सर विभिन्न राजनीतिक दल अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए...

हालांकि सोमवार की घटना में पुलिस और तृणमूल कांग्रेस दोनों ने घटनाओं के पीछे राजनीतिक मंशा से इनकार किया है, लेकिन राज्य में हिंसा का इतिहास बहुत पुराना है।बंगाल में हिंसा का इतिहास क्या? राज्य के राजनीतिक परिदृश्य पर एक और धब्बा 1970 का सैनबाड़ी हत्याकांड था, जिसमें क्रूरता की सारी हदें पार हो गई थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के प्रति निष्ठा रखने वाले भाइयों को वामपंथियों के कथित समर्थकों ने काट दिया गया था और कथित तौर पर उनकी मां को उनके बेटों के खून से सने चावल खाने पर मजबूर किया गया था।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक1997 में तत्कालीन पश्चिम बंगाल सरकार ने विधानसभा में यह बात स्वीकार की थी कि 1977 में वाम मोर्चे की सरकार बनने के बाद से राज्य में 28 हजार राजनीतिक हत्याएं हुई...

 

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