इस तस्वीर से जुड़े एक वीडियो को बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने शेयर करते हुए दावा किया था कि बुजुर्ग किसान को पुलिस की लाठी छू तक नहीं पाई. इंडिया टुडे ने पड़ताल में पाया था कि मालवीय का वीडियो अधूरा था और पूरे वीडियो को देखने पर सच्चाई कुछ और निकली थी.में भी बीजेपी का ये विज्ञापन नज़र नहीं आ रहा.
इससे साबित हो जाता है कि वायरल तस्वीर के साथ छेड़छाड़ हुई है.एक तस्वीर जिसमें सुरक्षा बल का जवान बुजुर्ग किसान पर लाठी चलाता हुआ दिख रहा है. किसान के पीछे बीजेपी का एक विज्ञापन लगा है जिसमें प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर है और लिखा है, "बहुत हुआ किसान पर अत्याचार अबकी बार मोदी सरकार".तस्वीर के साथ छेड़छाड़ हुई है. असली तस्वीर में बुजुर्ग किसान के पीछे बीजेपी का विज्ञापन नहीं है.