प्रतीक हजेला असम एनआरसी के ख़लनायक?

  • 📰 BBC News Hindi
  • ⏱ Reading Time:
  • 81 sec. here
  • 3 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 36%
  • Publisher: 51%

इंडिया मुख्य बातें समाचार

इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें

क्या प्रतीक हजेला को जानबूझ कर असम एनआरसी का ख़लनायक बनाया जा रहा है? : BBC Special

एनआरसी के पूर्व असम कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला

चंदन नागरिकता की लड़ाई को अपने 'नागरिक अधिकार' का इस्तेमाल करते हुए ही लड़ रहे हैं. हालांकि बीते एक साल में नागरिकता का दुख इस राज्य में कई करवट बदल चुका है. ऐसी स्थिति में एनआरसी लिस्ट में नाम न आने के कारण घनघोर मानसिक पीड़ा, आर्थिक बोझ और भविष्य को लेकर गहरी अनिश्चिता में डूबे असम के 19 लाख लोगों के दुखों की ज़िम्मेदारी भी सरकार और अदालत पर होगी. यहां यह भी भूलना नहीं चाहिए कि एनआरसी में नाम न आने के तनाव की वजह से दर्जन भर से लोग तथाकथित तौर पर ख़ुद अपनी जान लेने को मजबूर हो गए थे.

सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच के पास लम्बित पड़े मुक़दमा क्रमांक 562/2012 - असम सम्मिलिता महासंघ बनाम भारत संघ- का ज़िक्र करते हुए अभिजीत जोड़ते हैं,"इस मुक़दमे में असम में नागरिकता की कट-ऑफ़ डेट मार्च 1971 से बदलकर पूरे भारत की तरह 1951 करने की अपील की जा रही हैं. अगर नतीजे में ऐसा हो जाता है तो एनआरसी की वर्तमान प्रक्रिया पूरी व्यर्थ साबित हो जाएगी. इसलिए अदालत से हमने इस एनआरसी के सौ प्रतिशत रीवेरिफ़िकेशन की मांग की है.

हालांकि प्रतीक हजेला पर मौजूद काम के बोझ को अभूतपूर्व बताते हुए वह जोड़ते भी हैं,"यह सच है कि प्रतीक हजेला पर आर्थिक भ्रष्टाचार और विवादित तरह से एनआरसी की प्रक्रिया पूरी करवाने के कई आरोप लग रहे हैं. लेकिन यह सिर्फ़ आरोप हैं जिन्हें अदालत में साबित होना अभी बाक़ी है. लेकिन इसके लिए एक एफ़आइआर ही काफ़ी है.

असम के बाक़ी मुसलमानों से ख़ुद को दूर बताते हुए मोईनुल कहते हैं,"हमें हमेशा बांग्लादेशी मुसलमानों के साथ मिला कर देखा जाता है जबकि हम उनमें से नहीं हैं. हम असम की मिट्टी के लोग हैं. सिर्फ़ इसलिए कि वह मुसलमान है, बांग्लादेशी मुसलमान हमारा भाई नहीं हो जाएगा...हमारे भाई असम के मूल निवासी हैं. हम पहले असमिया हैं बाद में भारतीय".

 

आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। आपकी टिप्पणी समीक्षा के बाद प्रकाशित की जाएगी।

सम्पादक का कर्तव्य है जो भी न्यूज हो राष्ट्र हित मे हो राष्ट्र हित का अर्थ जो राष्ट्र के समुदायों के बीच प्रेम बढाये कोई आपसी सामंजस्य विरोधी सत्य ऐसा जो दिखाना जरूरी है तो उसमें फिर पूरा सत्य होना चाहिए जैसे था वैसा ही सही गलत का आंकलन जनता का आप उसमें एडिटिंग न करें

Right decision......AB EK NEW EMERGENCY STATEWIDE EXPECTED AND ANTICIPATED HAI......POLARISATION...AT ITS PEAK

Anti India media

गुनाहगार तो रंग्गा बिल्ला ही हैं

अब ये प्रतीक हजेला कौन है बे?

वाह बीबीसी.. कभी ये भी बता दो पाकिस्तानी बौद्ध को जानबूझकर एनआरसी का नायक बनाया जा रहा है।

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

 /  🏆 18. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

NRC लिस्ट से बाहर किए गए लोगों को अब रिजेक्शन स्लिप थमाएगी असम सरकारअसम एनआरसी की फाइनल लिस्ट को पिछले साल 31 अगस्त को जारी किया गया था, जिसमें 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया था. Hun 5 lakh Muslim ki...Hindu to 15 lakh hai na.. Itnaa apmaan bharat k logo ka? BjpMuktBharat hone se hi maanege ye log हिंदुस्तान की सनातन प्रक्रिया है राजाओं द्वारा देश के गद्दारो को देशनिकाला
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

असम में 12 साल की लड़की से गैंगरेप, पेड़ पर लटकाया शव, सातों आरोपी 10वीं के छात्रएक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी फरार थे, जिन्हें पुलिस दल ने पकड़ लिया है. ये सभी हाईस्कूल लीविंग सार्टिफिकेट (एचएसएलसी) परीक्षार्थी थे. अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने परीक्षा के बाद पार्टी के बहाने लड़की को एक मकान में बुलाया और उससे दुष्कर्म किया. सामाजिक बुराईयां.!! Phir bhi Mera Bharat mahan ! 7 छात्रों को गोली मार देनी चाहिए
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »

दिल्ली दंगों की मूल वजह पर विचार का समयअसम में NRC बनाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद फैली विषबेल का असर है यह: शेखर गुप्ता Assam ArvindKejriwal DelhiViolence SupremeCourt DelhiRiots Opinion Columnist ShekharGupta
स्रोत: Dainik Bhaskar - 🏆 19. / 51 और पढो »

NRC लिस्ट से बाहर किए गए लोगों को अब रिजेक्शन स्लिप थमाएगी असम सरकारअसम एनआरसी की फाइनल लिस्ट को पिछले साल 31 अगस्त को जारी किया गया था, जिसमें 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया था. Hun 5 lakh Muslim ki...Hindu to 15 lakh hai na.. Itnaa apmaan bharat k logo ka? BjpMuktBharat hone se hi maanege ye log हिंदुस्तान की सनातन प्रक्रिया है राजाओं द्वारा देश के गद्दारो को देशनिकाला
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

एनआरसी-एनपीआर के विरोध के बाद सीएए के समर्थन में क्यों हैं नीतीश कुमार?वीडियो: नागरिकता संशोधन क़ानून, एनआरसी और एनपीआर को लेकर देश भर में कड़ा विरोध हुआ है. कई राज्यों ने सीएए के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित किया है और एनआरसी लागू न करने की बात कही है. लेकिन बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनआरसी-एनपीआर से इनकार कर रहे हैं, पर सीएए के समर्थन में हैं. इस बारे में जदयू के पूर्व महासचिव पवन वर्मा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत. अगर 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव नहीं होता तो हमारे नितीश बाबू NRC-NPR का भी विरोध नहीं करते, पर मरता क्या नहीं करता... Gud khaye gulgale se parhej NDA me rahkar modishaa k hote huye itni himmat dikha lena bhi kam nahi
स्रोत: द वायर हिंदी - 🏆 3. / 63 और पढो »

NRC विवाद के बाद रिश्ते सुधारने में जुटा भारत, विदेश सचिव बोले-बांग्लादेश पर असर नहीं
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »