प्रदर्शनों में शामिल औरतों पर आख़िर सवाल क्यों उठाए जाते हैं? - BBC News हिंदी

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विरोध प्रदर्शनों में शामिल औरतों पर आख़िर सवाल क्यों उठाए जाते हैं?

इससे पहले 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो ये आदेश जारी नहीं करेगा कि "नागरिकों को विरोध प्रदर्शन नहीं करना चाहिए." हालाँकि चीफ़ जस्टिस बोबडे ने तब भी सवाल किया था कि 'इस विरोध प्रदर्शन में महिलाओं और बुज़ुर्गों को क्यों शामिल किया गया है?'

उस समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि "विरोध करना नागरिकों का बुनियादी हक़ है और लोग विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं.

वे कहती हैं कि "जब सवाल देश और उसके मूल्यों को बचाने का आएगा, तो यक़ीन जानिए इसकी अगुवाई महिलाएं ही करेंगी. हम उनके साथ हैं. इसका ताल्लुक़ ना उम्र से है, और इस बात से कि कोई औरत है या मर्द. हम सब बराबर हैं."हरियाणा की महिला किसान नेता सुदेश गोयल कहती हैं कि किसान आंदोलन में शामिल महिलाएं बिल्कुल अपनी मर्ज़ी से यहाँ आई हैं.

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि विरोध प्रदर्शनों में महिलाएं कई तरह की भूमिकाएं निभाती हैं. वो आंदोलन की आयोजक होती हैं. प्रदर्शनों में शामिल लोगों का ख़याल रखती हैं और उनकी हिफ़ाज़त करती हैं. लेकिन, जब बात राजनीतिक प्रक्रिया, सत्ता के परिवर्तन और वार्ता की आती है, तो महिलाओं को हाशिए पर धकेल दिया जाता है. बातचीत की टेबल पर बहुत कम महिलाएं दिखती हैं.

शाहीन बाग़ में औरतों ने दिल्ली की भयंकर ठंड में भी सौ से ज़्यादा दिनों तक अपना धरना चलाया था. इसके बाद सरकार ने ये कहते हुए उनका धरना ज़बरदस्ती ख़त्म करा दिया था कि महामारी के दौरान वो इतनी महिलाओं को एक साथ, एक जगह नहीं बैठने दे सकते. ये आंकड़े ही ये ज़ाहिर करने के लिए काफ़ी हैं कि खेती में महिलाओं की भागीदारी किस तरह लगातार बढ़ रही है. फिर भी आज महिलाएं, खेती के लायक़ केवल दो फ़ीसद ज़मीन की ही मालिक हैं.

''ऐसी टिप्पणियों से देश की सबसे बड़ी अदालत अप्रासंगिक या बेहद पुरातनपंथी सोच वाली मालूम होती है. किसी भी सूरत में बट्टा सुप्रीम कोर्ट की इज़्ज़त पर ही लगा है. अगर सुप्रीम कोर्ट की अपनी सोच ऐसी होगी, तो फिर वो किस मुंह से समाज में महिला विरोधी विचारों को रोकने का अधिकार जताएंगे? जब उनकी अपनी विश्वसनीयता कठघरे में होगी, तो वो सामाजिक नियम कायदों को मज़बूत बनाने का काम कैसे कर सकेंगे?"

''देख-भाल करने का विचार भी वैसा ही है. लोगों को लगता है कि पुरुषों की देख-भाल की ज़िम्मेदारी महिलाओं की है. ये औरतों को ख़ास लैंगिक भूमिका में देखने वाली सोच का ही नतीजा है." किसान आंदोलन का समर्थन करने वाली अभिनेत्री गुल पनाग कहती हैं कि महिलाओं के विरोध करने के अधिकार को कम करके आंकना, नाइंसाफी है. इससे ऐसा लगता है कि महिलाओं को उनकी इच्छा के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शनों में लाया गया, और अब 'बंधक बनाकर' रखा जा रहा है.

 

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Kyo ki aaurti aapa jaldi khoo deti hai our Marja Modi ki tarh karne lag jati hai ab kya kahe un matawo ko bolo

सवाल तो BBC पर लेफ्टिस्ट होने के भी लगे है, आप इस विषय पर क्या कहना चाहते है ?

Because they have no idea that we are the children of Mai Bhago Mata Bhag Kaur who led Sikh Soldiers against Mughal forces in 1705.. NIAusedAgainstFarmers

ट्विटर चाचा बताओ मुझे पर तरह तरह उठ रहे सवाल जबकि मै ज्यादातर तटस्थ सिद्ध! हमारे जैसे से दुनिया सुखी आस् वादी! हम सपनो के सौदागर के राजकपूर से ज्यादा क्या?😢😢😢

मुझे पर तरह तरह उठ रहे सवाल जबकि मै ज्यादातर तटस्थ सिद्ध! हमारे जैसे से दुनिया सुखी आस् वादी! हम सपनो के सौदागर के राजकपूर से ज्यादा क्या?😢😢😢

NIAusedAgainstFarmers

मर्द होकर चुपचाप पड़े रहने वाले इन जाबांज महिलाओं की ताकत और बहादुरी से जलते हैं!

सबको अपना अधिकार मिलना चाहिए जब महिलाओं को संविधान के तहत पुरा अधिकार है तो धरना प्रदर्शन के क्यो नहीं होना चाहिए।

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BanBBC

😎

औरत घर में सोहे .. बाहर जाएं तनिक ना सुहाए .. विरोध भाव भी सहे नहीं जाए.. कैसे प्रतिकार करे वो अस्तित्व का.. हमेशा गुप्तांग से मसल .. भाए.. प्रवृति उसका..😟

सफूरा जरगर की कमी न हो

ये 70 साल वाले मातृशक्ती की इज्जत करने वाले नहीं ये, 74 साल हो या 92 साल की दादी का अपमान करनै वाले नयी जमात है?

It is unfortunate that India has been under conspiracy since Independence and the political parties support it for sake of votes.

महिलाओं को हक अधिकारों को न देने वाले परेशान तो होंगे ही

Bbc ko khalistani nahi deakhi dete kuyki bbc supporter of naxalist terrorists radical leftist they against Hindus

क्यूंकि इनको पता नहीं मुद्दा क्या है

Kyoki ghatiya log apni ma bahen ke kahi jane se aise samajhte h to dusro ki bahen betiyo ko bhi samajne lagte h

सवाल तो वो उठा रहे है जो नामर्द है और बड़े-बड़े पदों पर है

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