प्रचार प्रक्रिया में बदलाव चुनाव प्रक्रिया बदलना है, पर क्या चुनाव आयोग को ऐसा करने का हक़ है

  • 📰 द वायर हिंदी
  • ⏱ Reading Time:
  • 61 sec. here
  • 3 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 28%
  • Publisher: 63%

इंडिया मुख्य बातें समाचार

इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें

प्रचार प्रक्रिया में बदलाव चुनाव प्रक्रिया बदलना है, पर क्या चुनाव आयोग को ऐसा करने का हक़ है

गत दिनों चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों का कार्यक्रम घोषित करते हुए रैलियों आदि की मार्फत परंपरागत प्रचार पर रोक लगा दी, जिससे पार्टियों व प्रत्याशियों को अपने विचारों व नीतियों को मतदाताओं तक पहुंचाने के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल व सोशल आदि विभिन्न मीडियारूपों का ही सहारा रह गया, तो बहुत से लोगों को मई, 1982 की याद आई.

हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी तो भी उन्होंने हार नहीं मानी. अंततः सुप्रीम कोर्ट ने उनकी बात मान ली और फैसला सुनाया कि चुनाव आयोग को विधिसम्मत प्रक्रिया से चुनाव कराने का ही अधिकार है, उसे बदलने का नहीं. न्यायालय ने उन 50 बूथों पर, जहां आयोग ने मशीनों से मतदान कराया था, फिर से बैलेट पेपर से मतदान कराने का आदेश दिया, जिसका अनुपालन हुआ तो जोस को 2,000 वोट ज्यादा मिले.

अकारण नहीं कि जब से चुनाव आयोग ने यह फैसलाकर मतदाताओं तक पहुंचने के लिए दलों व प्रत्याशियों के समक्ष मीडिया और वर्चुअल रैली के माध्यम से डिजिटल प्रचार के ही विकल्प छोड़े हैं, तभी से सवाल उठाए जाने लगे हैं कि क्या उसके इस फैसले का मुकाबले के सभी पक्षों पर एक जैसा असर होगा? अगर नहीं तो इसका लाभ किसके खाते में जाएगा?

समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी सवाल उठाया है कि जिन पार्टियों के पास संसाधन नहीं है, वे वर्चुअल रैली कैसे करेंगी और इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल प्रचार की दौड़ में उन्हें स्पेस कैसे मिलेगा? क्या इसके लिए चुनाव आयोग उन्हें धन और संसाधन उपलब्ध कराएगा? कई दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को लेकर भी भाजपा पर ऐसे आरोप लग चुके हैं. यह भी खबर है कि उसने डिजिटल प्रचार के लिए 8,000 कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर रखा है और उसके पास अपनी विशाल आईटी आर्मी का खर्च उठाने के लिए भरपूर संसाधन भी हैं.

 

आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। आपकी टिप्पणी समीक्षा के बाद प्रकाशित की जाएगी।
हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

 /  🏆 3. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

यूपी चुनाव: सीएम योगी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे चंद्रशेखर, गोरखपुर सीट से ही ठोकी तालUP Election 2022: चंद्रशेखर आजाद गोरखपुर से लड़ेंगे विधानसभा क्षेत्र चुनाव, सामने होंगे सीएम योगी Upelections2022 chandrashekharazadravan myogioffice myogioffice Good Decision 🔥
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »

UP Election: मैनपुरी के करहल से चुनाव लड़ेंगे अखिलेश यादव, पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरेंगेये पहली बार होगा जब अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इसके पहले वह लोकसभा चुनाव लड़ते रहे हैं और फिलहाल आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

अखिलेश आजमगढ़ नहीं करहल से लड़ेंगे चुनाव, सीट के इतिहास में छिपी है फैसले की वजहUPElections | वैसे तो आजमगढ़ से लड़ना भी अखिलेश के लिए सेफ ही होता लेकिन करहल एक तो अपना किला है, ऊपर से कई और फायदे हैं |Vikas0207 AkhileshYadav
स्रोत: Quint Hindi - 🏆 16. / 51 और पढो »

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव : भाजपा ने सहयोगियों के लिए बड़े एजेंडे के तहत बड़ा किया दिलउत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव : भाजपा ने सहयोगियों के लिए बड़े एजेंडे के तहत बड़ा किया दिल UPElectionWithAmarUjala VoteKaro election2022 upelection2022 UttarPradesh INCIndia BJP4India
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »

कैमरे के सामने रो पड़ीं योगी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली सुभावती शुक्लाउपेंद्र शुक्ला उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी थे। वह पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और गोरखपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष जैसे महत्‍वूपर्ण पदों भी रहे। सीएम योगी आदित्यनाथ के लोकसभा से इस्तीफा दिए जाने के बाद उपेंद्र शुक्ला ने ही गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव लड़ा लेकिन वे सपा के प्रवीण निषाद से चुनाव हार गए।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका: यूरोप और युद्ध के बीच कितना फ़ासला है?अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को कहा कि उन्हें लगता है कि उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में 'दखल देंगे' लेकिन एक 'मुकम्मल जंग' से बचना चाहेंगे।
स्रोत: Webdunia Hindi - 🏆 17. / 51 और पढो »