जानिए इस मंदिर में भगवान शिव के त्रिशूल का क्या है रहस्य जनसत्ता ऑनलाइन नई दिल्ली | July 10, 2019 10:48 AM सुध महादेव मंदिर पटनीटॉप। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवों के देव महादेव को अपना डमरू, गले का नाग, मुंडमालाएं और त्रिशूल अत्यंत प्रिय है। ये सब चीजें शिव की वेशभूषा में शामिल हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिवजी का एक ऐसा मंदिर भी है जिसे लेकर मान्यता है कि वहां शिव का प्रिय खंडित त्रिशूल स्थापित है। जम्मू से 120 किलोमीटर दूर पटनीटॉप के पास स्थित है भगवान शंकर का सुध महादेव मंदिर। इस...
पुराणों के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि माता पार्वती की जन्मभूमि मानतलाई थी। जहां माता अक्सर पूजा करने के लिये जाते थीं। एक बार जब माता यहां पूजा-अर्चना करने के लिये आ रही थीं तो उनका पीछा करते हुए सुधान्त नामक राक्षस भी आ गया। कहा जाता है कि वह भी शिव भक्त था और शिव की पूजा करने आया था। माता पार्वती पूजा पूरी होने के बाद जैसे ही अपने नेत्र खोलती हैं। सामने दानव को देखकर उनकी चीख निकल जाती है। समाधि में लीन भगवान शिव माता की चीख सुनकर तुरंत उनकी रक्षा के लिए अपना त्रिशूल फेंकते हैं जो सीधे दानव...
शिवजी को अपनी भूल का अहसास होती ही वे दानव सुधान्त को पुनः जीवनदान देने की सोचते हैं, लेकिन अपने इष्ट देव के हाथों प्राण त्याग कर सुधान्त मोक्ष प्राप्त करना चाहता था। तब भगवान शिव सुधान्त से कहते हैं कि आज से तुम्हारे नाम पर यह जगह सुध महादेव के नाम से जानी जाएगी। साथ ही शंकर भगवान ने उस त्रिशूल के तीन टुकड़े करके वहीं गाड़ दिए जो आज भी देखे जा सकते हैं। हालांकि इस संबंध में और भी कथाएं प्रचलित है जिसमें सुधान्त को एक दुराचारी राक्षस बताया गया...
मंदिर से 5 किलोमीटर की दूरी पर माता पार्वती की जन्म भूमि मानतलाई है। जहां शिव जी से उनका विवाह हुआ था। यहां माता पार्वती का मंदिर और गौरी कुण्ड भी देखने को मिलता है। सावन महीने की पूर्णिमा पर यहां मेले का आयोजन होता है। Also Read Hindi News से जुड़े अपडेट और व्यूज लगातार हासिल करने के लिए हमारे साथ फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल के साथ लिंक्डइन पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: Zee News - 🏆 7. / 63 और पढो »
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
स्रोत: Dainik Bhaskar - 🏆 19. / 51 और पढो »
स्रोत: Dainik Bhaskar - 🏆 19. / 51 और पढो »
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »
स्रोत: Webdunia Hindi - 🏆 17. / 51 और पढो »