अमरावती: 25 साल पहले महाराष्ट्र के जलगांव रेलवे स्टेशन पर कुछ लोगों ने एक बच्चे के रोने की आवाज सुनी। कुत्तों के भोंकने की भी आवाजें आ रही थीं। आवाज सुनकर लोग उस दिशा में दौड़े तो हैरान हो गए। कूड़े के ढेर में एक नवजात बच्ची पड़ी थी। गंदगी और बदबू के बीच एक कपड़े के टुकड़े में लिपटी बच्ची को देखकर लोग दहल गए। आसपास कुत्ते भोंक रहे थे, लोगों ने कुत्तों को भगाया और बच्ची को उठाया। पुलिस को सूचना दी गई। यह बच्ची दृष्टिबाधित थी। उसके माता-पिता के अज्ञात और लापता होने के कारण, पुलिस ने उस स्तब्ध,...
वर्षीय शंकरबाबा पापलकर ने न केवल उन्हें अपना उपनाम दिया, बल्कि उनकी प्रतिभा को निखारा। मावा को ब्रेल लिपि में प्रशिक्षित किया और अपनी शिष्या को दृष्टिबाधित और अनाथ बच्चों की दुनिया में एक पथप्रदर्शक बनाया।आईएएस बनने का है सपनाटाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए 25 वर्षीय माला ने कहा, 'भगवान ने मुझे बचाने के लिए देवदूत भेजे और मुझे यहां तक पहुंचाया जहां मैं आज हूं। मैं यहां नहीं रुकूंगी। मैं यूपीएससी परीक्षा में बैठूंगी और आईएएस अधिकारी बनूंगी।'इस तरह बनते गए रास्तेशंकरबाबा के अनुसार, माला...
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