भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि की है। प्रतिदिन बढ़ रही तेल की कीमतें नए-नए रिकॉर्ड तोड़ रही है। देश में पेट्रोल और डीजल का इस्तेमाल जितना ज्यादा होता है, उसकी कीमत भी उतनी ही ज्यादा है। अगर कभी यह सस्ता होता भी है, तो भी हमारी जेब पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ता। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में कमी के
बावजूद हमारे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत कम नहीं होती। देश में ग्राहक पेट्रोल व डीजल के बेस प्राइस यानी एक्स फैक्टरी का लगभग तीन गुना ज्यादा दे रहे हैं। बेतहाशा बढ़ती पेट्रोल की कीमतों से आम आदमी परेशान है। साल 2021 में पेट्रोल अब तक 6.07 रुपये महंगा हो चुका है। पिछले 10 महीने में ही इसके दाम में करीब 17 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है।
कोई नहीं मोदी जी के लिए सह लेंगे😥
तब कच्चा तेल १०८ रुपए प्रति बैरल था अब ६० रुपए प्रति बैरल से भी कम है ।
Sarkari 🦮 apne baap ko bachata hou
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