नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पुणे में 18 मई की रात पोर्शे कार से बाइकसवार युवक-युवती को कुचलने वाले नाबालिग आरोपी के बिल्डर पिता को 24 मई के लिए पुलिस कस्टडी में भेजा गया है. पुलिस ने आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को सोमवार को गिरफ्तार किया था. कोर्ट ने पब और बार ऑपरेटरों को निर्देश दिया कि वे अपने कस्टमरों को शराब परोसने की लिमिट तय करें. वहीं, प्रशासन ने एक्शन लेते हुए दो पबों को सील कर दिया है. आइए जानते हैं कि कोर्ट में आरोपी के पिता की कस्टडी मांगने के लिए पुणे पुलिस ने क्या-क्या दलीलें दीं.
-पुलिस ने दलील दी कि कार का रजिस्ट्रेशन हुआ नहीं, तो वह रोड पर कैसे आई? ड्राइवर ने अपने बयान में बताया है कि नाबालिग आरोपी ने गाड़ी चलाने के लिए मांगी, लेकिन उसने कहा कि वह नाबालिग है, लिहाजा वो बगल वाली सीट पर बैठे. -पुलिस ने कोर्ट में बताया कि फरार होने के दौरान विशाल अग्रवाल ने अपना मोबाइल छुपाया, उसकी तलाश की जा रही है. साथ ही पुलिस से बचने के लिए विशाल अग्रवाल ने कई बार गाड़ियां बदलीं. उसे बरामद करना है. साफ है कि ऐसा पुलिस को चकमा करने के लिए किया जा रहा था. इसलिए उन्हें गिरफ्तार करने से पहले नोटिस देने की जरूरत नहीं थी.
इस मामले की जांच के दौरान कई हैरान करने वाले फैक्ट सामने आए हैं. नाबालिग आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर महज 90 मिनट में 48 हजार रुपये की शराब पी थी. जबकि लग्जरी कार के रजिस्ट्रेशन के लिए 1758 रुपये का पेमेंट बाकी थी. यही नहीं, आरोपी के पिता ने VIP नंबर प्लेट के लिए 45 हजार रुपये खर्च किए थे.
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