साहेबगंजः संताल विद्रोही गोलियों को समझते थे पानी और दे देते थे अपनी जान। ये सुनी-सुनाई बात नहीं है, दस्तावेजी सबूत है। संताल घी लेकर आते थे और ‘वे’ फर्जी पेंदी वाले बर्तन में माप कर ठग लेते थे। वे जंगल से चावल लाते थे और बदले में तेल-नमक लेते थे मगर वे संताल आदिवासियों के सामान को उस पलड़े में तौलते थे जो वजन कम दिखाता था और खुद जो सामान देते, उसके पलड़े में भारी दिखने का इंतजाम होता था। अगर संताल आवाज उठाते, तो उन्हें समझाया जाता कि नमक पर टैक्स लगता है,उसका वजन अलग होता है। जंगल साफ कर खेत...
लाशें पड़ीं थी, एक बुजुर्ग जिंदा था, हमने उसे हथियार फेंकने के लिए कहा लेकिन वो उठा और कुल्हाड़ी से हमारे सिपाही पर वार कर दिया, हमने गोली चलाई वो गिर गया।’कार्ल मार्क्स ने इस जनयुद्ध का किया उल्लेखरांची स्थित झारखंड सरकार के रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान के निदेशक आईएएस रणेंद्र कहते हैं कि कार्ल मार्क्स ने अपनी विश्व प्रसिद्ध रचना नोट्स ऑन इंडियन हिस्ट्री में इस जन युद्ध का उल्लेख किया है। इसके पहले लंदन से प्रकाशित अंग्रेजी अखबारों ने भी संथाल हूल पर लंबी रिपोर्ट छापी थीं। अखबारों में इस...
संताल विद्रोह दिवस पीएम नरेंद्र मोदी की मन की बात Hul Kranti Diwas Santhal Rebellion Day Pm Narendra Modi's Mann Ki Baat Amar Shaheed Sidhu-Kanhu-Phoolo-Jhano 30 June Hul Diwas अमर शहीद सिद्धो-कान्हू-फूलो-झानो 30 जून हूल दिवस
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: News Nation - 🏆 15. / 51 और पढो »
स्रोत: News Nation - 🏆 15. / 51 और पढो »
स्रोत: Zee News - 🏆 7. / 63 और पढो »
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »