पाकिस्तान ने केरन सेक्टर में किया संघर्षविराम का उल्लंघन, सेना दे रही माकूल जवाब JammuAndKashmir adgpi
पाकिस्तान ने केरन सेक्टर में संघर्षविराम का उल्लंघन किया है। इस दौरान सीमा पार से छोटे हथियारों और मोर्टार का इस्तेमाल
इससे पहले गुरुवार को सीमा पार से पुंछ जिले के कस्बा, कीरनी, शाहपुर और माल्टी सेक्टर में गुरुवार को गोलाबारी की गई थी। उधर, गुरुवार को ही पाकिस्तानी सेना ने पुंछ जिले में कृष्णाघाटी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर अकारण संघर्षविराम का उल्लंघन किया। इस दौरान सीमा पार से भारी गोलाबारी की गई। भारतीय सेना के जवानों ने दुश्मन की गोलाबारी का कड़ा जवाब दिया। इस घटना में सेना के हवलदार निर्मल सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए।
जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। सैन्य प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए कहा कि हवलदार निर्मल सिंह बहादुर और ईमानदार सैनिक थे। उनके सर्वोच्च बलिदान और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए राष्ट्र हमेशा उनका ऋणी रहेगा।अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ और सांबा जिले में ड्रोन से हथियार गिराने के लिए पाकिस्तान ने साजिशें तेज कर दी हैं। जम्मू-कश्मीर में सांबा से गुजरने वाला हाईवे अंतरराष्ट्रीय सीमा से सबसे नजदीक पड़ता है। विजयपुर में एम्स के नजदीक हाईवे की जीरो लाइन से दूरी बमुश्किल छह किलोमीटर है। इसी नजदीकी को भुनाने के लिए पाकिस्तान ने हाल के समय में सुरंगें खोदने और ड्रोन से हथियार गिराने का सिलसिला तेज किया है। ड्रोन से हथियार गिराने की ताजा घटना भी इसी क्रम को दर्शाती है।
यह भी पढ़ेंःलद्दाख की रहस्यमयी पहाड़ी जहां छुपा है गहरा राज, जानिए कैसे खुद-ब-खुद ऊपर चढ़ती हैं गाड़ियांनगरोटा में मारे गए आतंकियों का रूट भी सांबा जिले में खोदी गई सुरंग से जुड़ा था। वहीं कई बार ड्रोन से हथियार गिराने की घटनाएं हो चुकी हैं। दरअसल बसंतर और देविका नदी जिस जगह आपस में जुड़ती हैं, उससे बिल्कुल नजदीक अंतरराष्ट्रीय सीमा पड़ती है। इसी नदी क्षेत्र को आतंकी गतिविधियाें के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इस रूट से हाईवे और सीमा की दूरी छह किलोमीटर से भी कम है। headtopics.com
यह भी पढ़ेंःकश्मीरी पंडितों के विस्थापन का दर्दः हाथ पैर की हड्डियां तोड़ी, आंख फोड़ी फिर...रक्षा सूत्रों के अनुसार सुरंग से आतंकी घुसपैठ होने पर आतंकियों के लिए हाईवे तक पहुंचने का फासला अन्य इलाकों की तुलना में काफी कम है। यही वजह है कि सीमा पार से आतंकी साजिशों को अंजाम देने के लिए सांबा सेक्टर में हलचल तेज की गई है। हाईवे के दोनों तरफ नदी का क्षेत्र है जबकि उत्तर दिशा में जंगल क्षेत्र है, जिसे संदिग्ध गतिविधियाें के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। बंसतर व देविका नदी क्षेत्र आतंकी घुसपैठ के पुराने मार्ग रहे हैं। इन्हीं मार्गों को आतंकी दोबारा सक्रिय करने की फिराक में हैं।
करते हुए तंगधार में भारतीय चौकियों को निशाना बनाया। हालांकि किसी भी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है। भारतीय सेना पाकिस्तान की इस नापाक हरकत का माकूल जवाब दे रही है।विज्ञापनइससे पहले गुरुवार को सीमा पार से पुंछ जिले के कस्बा, कीरनी, शाहपुर और माल्टी सेक्टर में गुरुवार को गोलाबारी की गई थी। उधर, गुरुवार को ही पाकिस्तानी सेना ने पुंछ जिले में कृष्णाघाटी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर अकारण संघर्षविराम का उल्लंघन किया। इस दौरान सीमा पार से भारी गोलाबारी की गई। भारतीय सेना के जवानों ने दुश्मन की गोलाबारी का कड़ा जवाब दिया। इस घटना में सेना के हवलदार निर्मल सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए।
जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। सैन्य प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए कहा कि हवलदार निर्मल सिंह बहादुर और ईमानदार सैनिक थे। उनके सर्वोच्च बलिदान और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए राष्ट्र हमेशा उनका ऋणी रहेगा।अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ और सांबा जिले में ड्रोन से हथियार गिराने के लिए पाकिस्तान ने साजिशें तेज कर दी हैं। जम्मू-कश्मीर में सांबा से गुजरने वाला हाईवे अंतरराष्ट्रीय सीमा से सबसे नजदीक पड़ता है। विजयपुर में एम्स के नजदीक हाईवे की जीरो लाइन से दूरी बमुश्किल छह किलोमीटर है। इसी नजदीकी को भुनाने के लिए पाकिस्तान ने हाल के समय में सुरंगें खोदने और ड्रोन से हथियार गिराने का सिलसिला तेज किया है। ड्रोन से हथियार गिराने की ताजा घटना भी इसी क्रम को दर्शाती है।
यह भी पढ़ेंःलद्दाख की रहस्यमयी पहाड़ी जहां छुपा है गहरा राज, जानिए कैसे खुद-ब-खुद ऊपर चढ़ती हैं गाड़ियांनगरोटा में मारे गए आतंकियों का रूट भी सांबा जिले में खोदी गई सुरंग से जुड़ा था। वहीं कई बार ड्रोन से हथियार गिराने की घटनाएं हो चुकी हैं। दरअसल बसंतर और देविका नदी जिस जगह आपस में जुड़ती हैं, उससे बिल्कुल नजदीक अंतरराष्ट्रीय सीमा पड़ती है। इसी नदी क्षेत्र को आतंकी गतिविधियाें के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इस रूट से हाईवे और सीमा की दूरी छह किलोमीटर से भी कम है। headtopics.com
यह भी पढ़ेंःकश्मीरी पंडितों के विस्थापन का दर्दः हाथ पैर की हड्डियां तोड़ी, आंख फोड़ी फिर...रक्षा सूत्रों के अनुसार सुरंग से आतंकी घुसपैठ होने पर आतंकियों के लिए हाईवे तक पहुंचने का फासला अन्य इलाकों की तुलना में काफी कम है। यही वजह है कि सीमा पार से आतंकी साजिशों को अंजाम देने के लिए सांबा सेक्टर में हलचल तेज की गई है। हाईवे के दोनों तरफ नदी का क्षेत्र है जबकि उत्तर दिशा में जंगल क्षेत्र है, जिसे संदिग्ध गतिविधियाें के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। बंसतर व देविका नदी क्षेत्र आतंकी घुसपैठ के पुराने मार्ग रहे हैं। इन्हीं मार्गों को आतंकी दोबारा सक्रिय करने की फिराक में हैं।
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