श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया के मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार सिंह ने Local 18 को बताया कि खरीफ की फसल में इन छोटे अनाजों की खेती कर किसान काफी मुनाफा कमा सकते हैं. इन अनाजों की खेती करने में लागत भी बेहद कम आती है. टांगुन या कंगनी एक मोटे अनाज की फसल है, जो 60 से 90 दिनों में तैयार हो जाती है, दूसरी फसल को मडुआ के नाम से जानते हैं. यह बहुत अच्छी फसल है. इसकी बाली गुच्छेदार होती है और यह 80 से 100 दिनों में तैयार हो जाती है.
चौथी फसल को रागी के नाम से जानते हैं. इसकी फसल 85 से 110 दिनों में तैयार हो जाती है. इसका अधिकतर प्रयोग बड़े-बड़े होटल में खीर के रूप में किया जाता है. उन्होंने बताया छोटे अनाज में ये फसलें बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती हैं. आजकल इनकी डिमांड भी काफी है और बाजार में सबसे महंगे दाम पर यह मिलते हैं. सबसे बड़ी खासियत तो यह है कि इन छोटे अनाजों की खेती करने में खर्चा न के बराबर आता है, जबकि मुनाफा बंपर मिलता है. बिना रासायनिक खाद उर्वरक यह खेती की जा सकती है. इन फसलों की पहली बरसात के बाद इसकी बुवाई कर दें.
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