ऐसा लगता है कि अब पार्टी के हारे नेता इसी पहलू पर ज़ोर देंगें. चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनावों के नतीजों के पुख़्ता रुझान से कुछ बातें साफ़ होती दिखाई देती हैं.बंगाल के नतीजों से मुख्यमंत्री की 'फ़ाइटर' की छवि और ही पुख़्ता होती है. उनके सामने सियासी करियर की सबसे बड़ी चुनौती थी जिसमें वो खरी उतरीं.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई लोगों ने उन्हें बधाई के सन्देश भेजे हैं.प्रधानमंत्री मोदी ने अनगिनत रैलियों में ममता बनर्जी पर ताने कसे. मोदी ने 'दीदी ओ दीदी...कितना भरोसा किया था बंगाल के लोगों ने आप पर', जैसे जुमले मज़े लेकर कहे.
बीजेपी ने इसे 'ममता का ढोंग' कहा और इसे जनता से सहानुभूति हासिल करने का एक घटिया तरीक़ा कहा. उस समय बंगाल के एक राजनीतिक विशेषज्ञ रंजन मुखोपाध्याय ने बीबीसी से कहा था, "दीदी चुनाव जीत गयी. ये इमेज उन्हें पक्का चुनाव जिताएगी."अमित शाह ने चुनावी रैलियों में डंके की चोट पर दावा किया था कि उनकी पार्टी का 200 सीटों का लक्ष्य पूरा हो जाएगा. उनके समर्थक टीवी चैनलों ने इस पर सवाल उठाने के बजाय ये दिखाने की कोशिश की कि किस तरह से पार्टी इस लक्ष्य को हासिल करेगी.
केन्द्र सरकार के मंत्रिमंडल का हर अहम मंत्री, हर सांसद बंगाल का चक्कर लगाने लगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी राज्य भर में कई सभाओं को सम्बोधित कियाशुवेंदु अधिकारी और कई दूसरे नेताओं का टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल होना बीजेपी की मुहिम के लिए काफ़ी अहम माना जा रहा था. लोगों ने कहना शुरू कर दिया था कि टीएमसी बिखरने के कगार पर है.
नंदीग्राम से ममता बनर्जी को चुनौती देने वाले उनके पूर्व पार्टी नेता शुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को 'बेगम' कहकर उनको मुस्लिम समर्थक और केवल मुसलमानों की नेता कहने की कोशिश की. पाकिस्तान का भी नाम लिया.अरुंधति कहती हैं, "हम नंदीग्राम गए थे तो उस समय लगा था कि पूरा चुनावी क्षेत्र हिन्दू-मुस्लिम ख़ेमे में बंट गया है. समाज में विभाजन ज़रूर हुआ, विशेषकर नंदीग्राम और इसके आसपास के इलाक़ों में. लेकिन राज्य के वोटरों ने हिन्दू-मुस्लिम नैरेटिव को नकार दिया.
बंगाल की शेरनी।हमारा अगला प्रधामंत्री कैसा हो ममता दीदी जैसा हो। दीदी ओ दीदी का जवाब देना है। पूरे भारत को आप से उम्मीद है।
नोटा बंदी, जीएसटी बेरोजगारी,खराब अर्थव्यवस्था,कोरोना का फैलाव इसके बावजूद मतदार भाजप २ से ८० पर जाती है,यह भाजप कि शानदार विजय हैं! लेफ्ट का पराभव लोकशाही की मॄत्यू(मौत) है? ममता बॅनर्जी पश्चिम बंगाल में भाजप बढाना चाहती है, फिक्सिंग का एक नमुना है!MamataOfficial
सर मघ्यप्रदेश शिक्षा मण्डल को क्या हो गया है?जो उसने कक्षा 11 के बार्षिक के पेपर कराने के बाद भी अर्धवार्षिक पेपर के मुताबिक नम्बर दे रहे है। अगर अर्धवार्षिक पेपर के आधार पर पास करना था। तो बार्षिक पेपर ही क्यों कराये थे। क्या हमारा शिक्षा मण्डल अब फैसला लेने लायक नहीं बचा हैं?
Real tigress of Bengal where everything is with central government than also she is only one to give big fight and won also. You prove it if we have dare than all are dher.
TMC win in Bengal confirm India don't care Hindu- Muslim politics Mandir- Masjid politics Godi Media marketing of Modi BJP has lost trust of their vote bank i.e. Middle class. BJP need new parliament, more taxes, but no Hospital, Govt School... shame on BJP Jumlebaji
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