नड्डा के बीजेपी कार्यालय के उद्घाटन के लिए जाते समय उनको कुछ युवकों ने काले झंडे दिखाए और जेपी नड्डा मुर्दाबाद के नारे लगाए. पुलिस ने हालांकि उनको वहां से खदेड़ दिया. लेकिन इस मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.दौरे के दूसरे दिन दक्षिण 24-परगना जिले के डायमंड हार्बर में तो मामला और बढ़ गया. कथित तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रास्ते में नड्डा के काफिले को तो रोका ही, उनकी कार पर पथराव भी किया.
उनका कहना था कि यहां प्रशासन नाम की चीज ही नहीं है. अगर केंद्रीय सुरक्षा बल नहीं हो तो बंगाल में घूमना ही मुश्किल हो जाएगा. मैं समझ सकता हूं कि कार्यकर्ताओं की क्या हालत होती होगी. नड्डा के काफिले पर जिस इलाके में हमला हुआ वह ममता बनर्जी के भतीजे सांसद अभिषेक बनर्जी का संसदीय क्षेत्र है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम नेता लगातार अभिषेक का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधते रहे हैं.
उसके बाद कोलकाता में पार्टी की ओर से आयोजित तीन दिन के धरने के समापन के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा, "बीजेपी बंगाल की पार्टी नहीं है. बंगाल की पार्टी तो टीएमसी ही है. राज्य सरकार ने बंगाल के प्रवासी मजदूरों को अपने खर्च पर वापस बुलाया. दिल्ली की पार्टी को दिल्ली में और गुजरात के लोगों को गुजरात में ही व्यस्त रहना चाहिए."
ममता ने कहा कि कई बार रैलियों में भीड़ कम होने की स्थिति में सुर्खियों में आने के लिए भी ऐसे नाटक किए जाते हैं.अगले विधानसभा चुनावों की तैयारी के सिलसिले में बीजेपी ने 'आर नॉय अन्याय' यानी और अन्याय नहीं के नारे के साथ घर-घर जाकर जनसंपर्क अभियान शुरू किया है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष को हाल में उत्तर बंगाल के दौरे के दौरान तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ा था. अलीपुरदुआर जाते समय उनका रास्ता रोका गया था और पथराव भी किया गया था.