जा रही है। हालांकि सिंघु, टीकरी सीमाओं से 25 से 30 किलोमीटर से अधिक दूरी तक भी ट्रैक्टर, कार, जीप और बाइक की लाइन लगी हुई है। उधर, पुलिस ने भी गणतंत्र दिवस पर वाहनों को आउटर रिंग रोड पर प्रवेश करने से रोकने के लिए गेट बना दिए हैं। तीनों सीमाओं से परेड में रवाना होने वाले वाहन आउटर रिंग रोड से चंद मीटर पहले ही दोबारा उसी रोड वापस लौटेंगे।
सोमवार को पूरे दिन सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर ट्रैक्टरों को तैयार करने के बाद इसमें रिहर्सल का भी सिलसिला चलता रहा। युवाओं और महिलाओं सहित सभी समर्थकों में परेड की तैयारियों के लिए खासा उत्साह देखने को मिला।ट्रैक्टरों को सजाने के साथ साथ किसानों और आंदोलन से जुड़ी झांकियों को भी ट्रॉलियों में लगाया जा रहा है ताकि परेड के दौरान इन्हें प्रदर्शित किया जा सके। परेड में शामिल होने वाले ट्रैक्टरों का रजिस्ट्रेशन भी किया जा रहा है ताकि उनकी पहचान आसानी से की जा सके।.
किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को गाजीपुर बार्डर से निकाले जाने वाले ट्रैक्टर मार्च के रूट को लेकर अभी भी असंजस की स्थिति बनी हुई है। किसान दावा कर रहे हैं कि वह गाजीपुर से अक्षरधाम मंदिर फ्लाईओवर तक दिल्ली में आएंगे। इसके बाद यहां से यू-टर्न लेने के बाद वह आनंद विहार, अप्सरा बार्डर, साहिबाबाद, मोहन नगर, होते हुए दुहाई से वापस यू-टर्न लेकर गाजियाबाद पहुंचेंगे। उनका यह रूट आने-जाने का करीब 46 किलोमीटर लंबा...
जा रही है। हालांकि सिंघु, टीकरी सीमाओं से 25 से 30 किलोमीटर से अधिक दूरी तक भी ट्रैक्टर, कार, जीप और बाइक की लाइन लगी हुई है। उधर, पुलिस ने भी गणतंत्र दिवस पर वाहनों को आउटर रिंग रोड पर प्रवेश करने से रोकने के लिए गेट बना दिए हैं। तीनों सीमाओं से परेड में रवाना होने वाले वाहन आउटर रिंग रोड से चंद मीटर पहले ही दोबारा उसी रोड वापस लौटेंगे।किसान गणतंत्र परेड की तैयारियों के तहत सभी रूट पर वॉलेंटियर की तैनाती की जा रही है तो रास्ते में किसी भी तरह की रुकावट होने पर उनकी मदद की जा सके। संयुक्त किसान...
दो लाख क्या, आप 5 लाख ट्रेक्टर ले आओ, बिल तो वापस होंगे नहीँ।
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