नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर 7 जनवरी को होगा निर्णायक फैसला

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नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर 7 जनवरी को होगा निर्णायक फैसला NiravModi

है। नीरव के भारत प्रत्यर्पण पर निर्णायक फैसला अगले वर्ष जनवरी में हो जाएगा। लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में प्रत्यर्पण को लेकर मंगलवार को हुई सुनवाई में चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बथनॉट ने नीरव की रिमांड 29 दिसंबर तक बढ़ा दी। कोरोना प्रोटोकॉल के मद्देनजर नीरव इस बार भी वैंड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिये पेश हुआ।चीफ मजिस्ट्रेट एम्म अर्बथनॉट ने सुनवाई के दौरान नीरव मोदी को बताया कि अब बस एक और छोटी सी सुनवाई होगी और उसके बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। सुनवाई के दौरान बढ़ी हुई दाढ़ी और...

3 नवंबर को पिछली सुनवाई में जज गूजी ने सीबीआई और ईडी के कुछ गवाहों के बयानों की स्वीकार्यता के खिलाफ दलीलें सुनीं थीं। भारत सरकार की ओर से पैरवी कर रही क्रॉउन अभियोजन सेवा ने जोर दिया था कि भारतीय दंड संहिता की धारा 161 के तहत पेश किए गए साक्ष्य, गवाहों के बयान ब्रिटिश कोर्ट को यह मानने के लिए पर्याप्त हैं कि नीरव मोदी भारतीय न्यायपालिका के प्रति जवाबदेह है और उसके खिलाफ भारत में मुकदमा चलाना चाहिए। सीपीएस ने दलील दी कि इसके लिए नीरव का भारत प्रत्यर्पण जरूरी...

है। नीरव के भारत प्रत्यर्पण पर निर्णायक फैसला अगले वर्ष जनवरी में हो जाएगा। लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में प्रत्यर्पण को लेकर मंगलवार को हुई सुनवाई में चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बथनॉट ने नीरव की रिमांड 29 दिसंबर तक बढ़ा दी। कोरोना प्रोटोकॉल के मद्देनजर नीरव इस बार भी वैंड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिये पेश हुआ।वेस्टमिंस्टर मेजिस्ट्रेट कोर्ट ने 29 दिसंबर तक बढ़ाई रिमांड, अंतिम सुनवाई 7,8 जनवरी को...

चीफ मजिस्ट्रेट एम्म अर्बथनॉट ने सुनवाई के दौरान नीरव मोदी को बताया कि अब बस एक और छोटी सी सुनवाई होगी और उसके बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। सुनवाई के दौरान बढ़ी हुई दाढ़ी और मरून स्वेटर में पेश हुए नीरव मोदी ने सिर्फ अपना नाम और जन्मतिथि बोली बाकी समय वह चुपचाप रहा। कोर्ट अब इस मामले की निर्णायक सुनवाई अगले वर्ष 7 व 8 जनवरी को करेगा। जिला जज गूजी उस दिन दोनों पक्षों की अंतिम दलील सुनेंगे। इसके बाद वह एक या दो हफ्तों में अपना फैसला...

3 नवंबर को पिछली सुनवाई में जज गूजी ने सीबीआई और ईडी के कुछ गवाहों के बयानों की स्वीकार्यता के खिलाफ दलीलें सुनीं थीं। भारत सरकार की ओर से पैरवी कर रही क्रॉउन अभियोजन सेवा ने जोर दिया था कि भारतीय दंड संहिता की धारा 161 के तहत पेश किए गए साक्ष्य, गवाहों के बयान ब्रिटिश कोर्ट को यह मानने के लिए पर्याप्त हैं कि नीरव मोदी भारतीय न्यायपालिका के प्रति जवाबदेह है और उसके खिलाफ भारत में मुकदमा चलाना चाहिए। सीपीएस ने दलील दी कि इसके लिए नीरव का भारत प्रत्यर्पण जरूरी...

 

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आप जैसे निर्भीक पत्रकार से सादर निवेदन है कि कानपुर से लखनऊ जाने के लिए मेमो ट्रेन चलाए जाने का मुद्दा उठाए। ताकि गांव व कस्बो के हजारों लोग फिर से रोजगार पर जा सके। क्योंकि बस व मोटरसाइकिल से रोजाना जाना सम्भव नही है। क्योंकि यह बहुत महंगा है जनता की आवाज सुनो

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