निर्भया गैंगरेप मामले में दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाने के लिए नया डेथ वारंट जारी हो चुका है. कोर्ट ने फांसी के लिए 3 मार्च का दिन तय किया है. हालांकि मामले में निर्भया के दोषी फांसी से बचने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाने पर उतर आए हैं. अब दोषी विनय ने खुद को घायल कर लिया है.तिहाड़ जेल के अधिकारियों के मुताबिक 2012 के दिल्ली गैंगरेप मामले में दोषी विनय कुमार ने खुद को चोटिल पहुंचाने की कोशिश की थी. विनय कुमार ने खुद का सिर दीवार पर दे मारा.
Tihar Jail official: One of the death row convicts of 2012 Delhi gang-rape case, Vinay had attempted to hurt himself by banging his head against a wall in his cell, on 16th February. He had received minor injuries.— ANI February 20, 2020 सूत्रों के मुताबिक इस मामले में वकील एपी सिंह का कहना है कि नया डेथ वारंट जारी होने के बाद से विनय की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. उसने अपनी मां को भी पहचानने से मना कर दिया. हालांकि जेल अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया और कहा कि विनय की हालत ठीक है.
जिनको फांसी मिलनी है उनके लिए छोटे मोटे चोट की वजह से क्यू फांसी रुकनी चाहिए|
वैसे को उसी हाल में भी फाँसी दे देना चाहिए।
Hindu h esliiye bachaya ja raha h in suaro ko😠😔😔
These are trying their level best to avoid the capital punishment. Did they gave any chance to Nirbhaya? Did they show a slightest mercy to her? I have lost faith in law and order. These should be hanged asap. rsprasad rashtrapatibhvn
कानून की माँ बहन एक कर रखी इन लोगों ने, मतलब चोटिल को फांसी नही क्यों कि चोट की वजह से दर्द होता है और कोर्ट दर्द वाले को फांसी नही देती। निर्भया को भी दर्द दिया था इन कुत्तो ने जब कोर्ट के नियम कहा गए थे।
Ye kya darama hai. Jab marna hi hai to phir thik ho ya na ho us se kya fark padta h ?
To..kya hua chotil hi hua.khi ka koi prince nhi h...kam to ase h ...😡😡😡😡😡...ye sb fasi se bachne ke dhong h
Hamare desh K iss kannon par sharam aati hai ki ab tak fassi nhi hui IN sabko Yeh kuch na kuch tareeka nikale lete hai
Usi chotil halat me hi latka do fasi pe
नीचता की प्राकाष्ठा पार करने वाले आज कैसी नौटंकी कर रहे है ये सब घिनौना कृत्य करनेवाले खुद कितना मोह रखते हैं इनको फांसी ही एक समाधान है आगे ओर बडी सजा इंतजार कर रही हैं फांसी से भी बडी सजा
कोई सामूहिक रूप से ही फांसी देने की अनिवार्यता है क्या ? अरे विनय को अभी छोड़ दो, बाकी तीन को तो लटकाओ। फिर विनय का नंबर बाद में लग जायेगा। तब तक अपने साथियों की मौत के उपरांत, ये खुद के अंजाम का अहसास ज्यादा अच्छे से कर पायेगा।
देसी न्यायव्यवस्था के चलते ही देश मे रेप मर्डर वाले अपराध करने बाद भी वर्षो जिंन्द रहते है बल्कि ये कहो कि जमानत लेकर वापिस सोशल लाइफ भी एन्जॉय करते है
केजरीवाल जाऐंगे पट्टी बांधने , भाई मानवता भी कोई चिज होता हे , मानवता के नाते कन्हेया कुमार और प्रशांत किशोर को बिहार मे लगा दिए !!!
अगर मननीय, सुप्रीम कोर्ट इन दरिंदो को फ़ासी पर चड़ाने मे असमर्थ है तो एक घंटे के लिए जनता के हबाले कर दो, जनता न्याय कर देगी।
कहते हैं कि कानून के हाथ बंधै है। आखिर ये हाथ बांधने वाला कौन है जो अपराधी को अपराध की सजा भी न सुना सके। क्या फायदा ऎसे कानून का जहां बलात्कारीयों को 8 साल तक बचा कर रखा जा रहा हो। इससे अच्छा तो पुलिस इनका इनकाउन्टर कर देती तो कम से कम अन्य अपराधी बलात्कार करने से डरते भी।
ऐसे मत मर, अभी तो लटकना बाकी है। अगर कोर्ट में दम हुआ तो। एक मौका मुझे मिल जाये तो कितना अच्छा हो। कोर्ट से तो कुछ होगा नहीं।
इन सभी कारणों से ही हैदराबाद के encounter का प्रशंसा हुआ था।।।।
JusticeForNirbhaya
करो इंतजार बहन.....का ठीक होने तक ।
At any cost culprit must be Hanged 😡
फांसी होगी दरिंदों को तो ही शांति मिलेंगी😠
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