लेकिन निर्भया केस के बाद केंद्र ने जो फंड जारी किए थे, वे तक खर्च नहीं किए जा रहे हैं. एडवोकेट अजय जग्गा ने पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक वी पी सिंह बदनोर को पत्र लिखा है कि महिलाओं की सेफ्टी और सिक्योरिटी के लिए कई काम इन फंड़स से किए जाने थे लेकिन हाल ही में मिनिस्ट्री ऑफ वुमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट की जब मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेर्यस के साथ मीटिंग हुई तो उसमें बताया गया कि चंडीगढ़ को 7.46 करोड़ रुपए निर्भया फंड में जारी किए गए थे. लेकिन कमेटी ने सिर्फ 2.
एडवोकेट अजय जग्गा ने बताया कि चंडीगढ़ ही नहीं, पंजाब और हरियाणा भी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है. इन दोनों ही राज्यों में भी निर्भया फंड का इस्तेमाल 50 प्रतिशत भी नहीं हुआ है. पंजाब को निर्भया फंड के तहत 20.47 करोड़ रुपये आवंटित हुए लेकिन इसमें से केवल तीन करोड़ ही खर्च किए गए. जो कुल फंड का सातवां हिस्सा है. इसी तरह से हरियाणा को 16.71 करोड़ रुपये मिले जिसमें से हरियाणा ने 6.6 करोड़ रुपये ही खर्च किए.उन्होनें कहा यह फंड महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया था.
सोशल एक्टीविस्ट रीटा कोहली ने बताया यह हैरानी की बात है क़ि चंडीगढ़ जैसे शहर में कोई महिला कमीशन ही नहीं है. उन्होंने कहा करोड़ों फंड महिलाओं की सुरक्षा और जागरूकता के लिएअलाॅट किया गया लेकिन उसका आधा हिस्सा भी खर्च नहीं होता ऐसे में कैसे उम्मीद करें कि महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए काम हो रहा है. हमें सारी चीजे तब याद आती है जब कोई घटना होती है मानीटिरिंग होनी चाहिए कि फंड्स को सही मायने में महिलाओं एवं युवतियों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाए.
युवतियां भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती. पंजाब विश्वविघालय में पढ़ रही युवतियों का कहना है कि सिर्फ उसी मामले में जस्टिस के लिए आवाज़ क्यों उठती है जिसे मीडिया कवर करता है जबकि दुष्र्कर्म का हर मामला संगीन और गंभीर है उन्होने कहा कि हर मामले में जल्द से जल्द पीडिता औऱ उसके परिवार को इंसाफ मिलना चाहिए.
चंडीगढ़ में भी महिलाओं की सुरक्षा की बात करें तो नियमित अंतराल के बाद ऐसी घटनाएं घटती रही हैं जिसे पूरे शहर को शर्मिंदा होना पड़ा है. दिसंबर 2016 में पिकाडली चौक से रात को युवती ने ऑटो लिया.ऑटो में पहले से ही दो लड़के मौजूद थे. इसके बाद सेक्टर-29 स्लिप रोड के साथ लगते जंगल में युवती से गैंगरेप किया. इसके ठीक एक साल बाद फिर से नवंबर 2017 में सेक्टर-52 के जंगल में युवकी को अगवा कर गैंगरेप किया. हैरानी की बात यह रही कि इन दोनों ही मामलों में एक दोषी मोहम्मद इरफान शामिल रहा.
इस देश की न्याय व्यवस्था!!! असहाय और लंगड़ी है,, क्योंकि इसमें बल(शक्ति) नहीं है,, डरपोक न्याय प्रणाली,, वास्तव में न्याय नहीं कर सकती,, आतंकवादी को बचाने के लिए,, आधी रात को,,न्याय के दरवाजे खुलते. हैं,, और,, समाज में जंधन्य अपराध कई वर्षों तक,, न्याय को तरसते हैं,,
ऐसी केसेस में लोगोंने अपराधी और उसका वकील दोनोंको चौराहेपर पिटना चाहीए।
ये नया हिंदुस्तान है..... यहां न्याय मांगने से नहीं बल्कि छीनने से मिलता है.....// वरना बिना रोए..... मां भी अपने बच्चे को दूध नहीं पिलाती............/// 😡😡😡😡
TejpalRawat14 What is the role of women commissioner office of the world ,still I am not able to understand !
Shame shame
sharam karo hinduo candle pakad ke shanti felate raho, are murkh hinduo aye bharat he bhagvan shree ram ka, jo naari ke liye lanka tak dahan kardiye the, bhagvan ram candle march nehi kiya tha banar sena ke sath, gandhi nehi godse bano, desh ka aarakshan sambidhan kuch nehi..
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