निर्भया गैंगरेप और हत्या केस से जुड़ी केंद्र सरकार की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है.केंद्र सरकार ने दोषियों को अलग-अलग फांसी देने के लिए अदालत में अर्ज़ी दाख़िल की थी जिस पर रविवार को कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था.
बुधवार को निचली अदालत का फ़ैसला रद्द ना करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी 4 दोषियों को एक हफ़्ते का समय दिया है ताकि वे सभी क़ानूनी उपायों का इस्तेमाल कर सकें. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुरेश कैत ने आदेश पढ़ते समय कहा कि 'इस बात में कोई संदेह नहीं कि निर्भया केस के दोषियों ने न्यायिक प्रक्रियाओं का प्रयोग कर अपनी सज़ा को टालने की सभी कोशिशें की हैं.'
एजेंसी के अनुसार कोर्ट ने कहा है कि 'एक हफ़्ते बाद उनकी मौत के वॉरंट के क्रियान्वयन के लिए उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही शुरू की जाएगी.'कोर्ट के फ़ैसले के बाद निर्भया की माँ आशा देवी ने प्रेस से बात करते हुए कहा,"हाई कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत करते हैं. अब तक समयसीमा तय नहीं हो रही थी, इसीलिए वे अपनी सज़ा को टाल पा रहे थे. अब एक हफ़्ते का समय उन्हें दिया गया है."
केंद्रीय क़ानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि 'निर्भया गैंगरेप के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी होनी चाहिए. वे अपनी सज़ा को टालने के लिए तमाम कोशिशें कर रहे हैं जो न्यायोचित नहीं है.'16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप मामले में मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता को दोषी ठहराया गया था.
ऐसा लगता है सुप्रीम कोर्ट भी बिक गया
जल्द से जल्द इन बलात्कारियों को फांसी पर लटका कर निर्भया की आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित होनी चाहिए।
बाकि का कौन बतायेगा बे ? 7 दिन का टाइम दिया है सारे लीगल आस्पेक्ट एक्स्प्लोर करने के लिये। आग लगाओ बस।
रोज नई अर्जी और अर्जी खारिज, इससे आगे कब होगा ?
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लगता है कि ये वो राजनेताओं की साज़िश है जो बलात्कार के आरोपी है।उनको लगता है कि ये फांसी हो जायेगी तो अगला नंबर उनका भी लग सकता है। कहीं ऐसा न हो कि संसद में फांसी की सज़ा को उम्र कैद में तब्दील करने वाला कानून पास कर दे सरकार।
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