एजेंसी का नाम क्या अब समाप्त हो जाएगा। आयुध निर्माण कंपनियों पर किसकी नजर है? आखिर ऐसी क्या मजबूरी आ गई है कि केंद्र सरकार रक्षा मंत्रालय की जमीन और आयुध फैक्ट्रियां, कोड़ियों के दाम बेचने जैसे प्रपोजल तैयार कर रही है। क्या सरकार आयुध निर्माणियों को बेचकर अपना घाटा पूरा करना चाहती है।
इन सभी आयुध निर्माण कारखानों की जमीन देखें तो वह 62 हजार एकड़ से अधिक है। सरकार की मंशा है कि इस जमीन को कौड़ियों के भाव बड़े उद्योगपतियों को दे दिया जाए। ये देश की सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है। इन आयुध निर्माण कारखानों ने सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस को बड़े पैमाने पर गोला बारुद और दूसरा साजो सामान सप्लाई किया है। देश के अलग-अलग ऑर्डिनेंस कारखानों में 80 हजार से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं। इनमें बहुत से कारखाने ऐसे हैं, जिसके लिए किसानों और आदिवासियों ने अपनी जमीन दी...
पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर इसीलिए इस सौदे के खिलाफ थे। देश की तीन प्रमुख ट्रेड यूनियन, अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ , भारतीय राष्ट्रीय रक्षा कर्मचारी महासंघ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संगठन समर्थित भारतीय प्रतापी मजदूर संघ भी इसके विरोध में उतरे हैं। दूसरी तरफ विभिन्न राज्यों में रक्षा मंत्रालय की जमीन पर कब्जा हो रहा है। लंबे समय तक इन जमीनों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जाता। कई जगहों पर लोगों ने रक्षा मंत्रालय की जमीन पर कामधंधा शुरू कर रखा है। पिछले तीन वर्षों में रक्षा मंत्रालय की 47.579 एकड़ भूमि पर कब्जा होने की बात सामने आई है। इस दौरान 174.
इन सभी आयुध निर्माण कारखानों की जमीन देखें तो वह 62 हजार एकड़ से अधिक है। सरकार की मंशा है कि इस जमीन को कौड़ियों के भाव बड़े उद्योगपतियों को दे दिया जाए। ये देश की सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है। इन आयुध निर्माण कारखानों ने सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस को बड़े पैमाने पर गोला बारुद और दूसरा साजो सामान सप्लाई किया है। देश के अलग-अलग ऑर्डिनेंस कारखानों में 80 हजार से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं। इनमें बहुत से कारखाने ऐसे हैं, जिसके लिए किसानों और आदिवासियों ने अपनी जमीन दी...
पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर इसीलिए इस सौदे के खिलाफ थे। देश की तीन प्रमुख ट्रेड यूनियन, अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ , भारतीय राष्ट्रीय रक्षा कर्मचारी महासंघ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संगठन समर्थित भारतीय प्रतापी मजदूर संघ भी इसके विरोध में उतरे हैं।
क्या अमर उजाला जिम्मेदारी से सेना की जमीन बेचने की खबर का दावा कर सकता है?यूनियन के पदाधिकारी के बयान के पर इतना बड़ा दावा करके क्या अब आप भी 'दलाल पत्रकारिता' की और हे?बिनाआधार के कोई अखबार बिना स्वार्थ के ऐसी खबर नही छाप सकता है,लगता है TMC-अमर उजाला में खेला हो गया है?
अगर वाकई कोडियो के दाम मे बेचे जाने है तो तुम जैसे भिखारियो को पत्तल कारीता छोड़ वही ज़मीन खरीद लेनी चाहिए.. और जैसे ज़मीन चोर के आरोपी वाड्रा ने करोड़ो मे बेची थी वैसे ही धंधा कर लेना चाहिए...?
Ask this question to modi
छोटी-छोटी ख़बर का असर बड़ा होता है
देश की सुरक्षा करने वाले विभाग की जमीन भी, मोदी की ब्राम्हणवादी सरकार व्यापारीयो को बेच रही है। देश ने कमाई हुई सम्पत्ति बेचने, मोदी भाजपा को चुनकर नही दिया था। मोदी ने देश को धोखा दिया। मोदी को इसकी सजा मिलनी चाहिए।
PMOIndia rajnathsingh RahulGandhi Sir, Wealth of nation can't be sold like this for sake of filling loss. StopSellingIndia stopsellingpublicsectorEnterprises
हम इस फैसले का भरपूर सपोर्ट करते हैं क्योंकि जिसने मुल्लों की चूड़ी टाइट करने के नाम पर बीजेपी को वोट दिया है उसकी चूड़ी ढीली होना भी जरूरी है
Petrol,Diesel,Gas,Ports,Air Ports,Rail,PSUs,Bank,Insurance,flour,pulses,rice, potatoes,onion,grains, appetite will be under the occupation of companies corporates. 3 black corporate laws are fatal for the farmers, public and the country. FarmersProtests FarmLaws_DeathWarrant
StopSellingIndia
BPPIND इससे बड़ा झूठा मक्कार धूर्त आज तक कोई पैदा नही हुआ 'सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नही बिकने दुंगा'
बीजेपी से सारे देशवासियों को ही problem है
Aur karo bjp ki dalali
अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण ।
ये जरूर अडानी अम्बानी लेगे
राष्ट्रवाद का नशा नाश कर के रहेगा सबकुछ
ये! विकास पगला गया है
HITLER SHAHI HAI DESH MEIN.
PIBFactCheck क्या यह सच है?
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घोर शर्मनाक एवं निराशाजनक ।
क्या सचिन वाझे की तरह मीरा भाईंदर महानगरपालिका को भी दिया गया है कोई टारगेट ? देखिए पूरी रिपोर्ट Mumbai Headlines
निडर पत्रकारिता 🙏🙏
मादरचोद लोग एक दिन पूरा हिंदुस्तान बेच देंगे।
Everyone must have read the story The Goose that Laid the Golden Eggs They need all the eggs right now that's why they want to finish the goose itself. This fits right for govt cos. including PSU.They don’t want the dividend given by PSU but to kill them and get the money once
MohitKPandey
मोदी हैं तो मुमकिन है.... मैं देश नहीं बिकने दूंगा, मगर देश की सारी संपत्ति अपने मित्रों को बेच दूंगा: प्रधानसेवक
मैं देश नही बिकने दूँगा!और कुछ बचा है क्या?
'सौगंध मुझे इस मिट्टी की यह देश नहीं बिकने दूंगा' it seems that it was a biggest bluff.
क्या आप अपना कारोबार समाप्त करना चाहते हैं जो इतना निडर पत्रकारिता कर रहे है? वर्तमान सरकार की किसी भी नीति या कार्य का सच दिखने पर आप पर पाबंदियां लग सकती है। बेचने_के_७साल RahulGandhi yadavakhilesh MamataOfficial ArvindKejriwal BBCHindi GunjUthi
सबकुछ बेचकर टीवी चैनल और अखबार वालों में बाँट दो ताकि वे आपके पक्ष में माहौल बनाए रक्खें
देश नही बिकने देंगे
Aur do modi ko vote
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