समूह के साथ बंदूकों के साए में वार्ता स्वीकार्य नहीं है। नगा वार्ता के लिए सरकार के वार्ताकार और राज्यपाल आरएन रवि ने कहा केंद्र सरकार दशकों लंबी नगा शांति प्रक्रिया को बिना किसी विलंब के पूरा करने को प्रतिबद्ध है।
राज्यपाल ने कहा, सभी मुद्दों सहित एक परस्पर सहमति वाला व्यापक हल अंतिम समझौते को रूप देने के लिए तैयार है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे मौके पर एनएससीएन-आईएम समझौते को लटकाने का रवैया अपना रहा है। उसने नगा राष्ट्र ध्वज व संविधान जैसे विवादस्पद मुद्दे उठाए हैं, जबकि वह भारत सरकार के रुख से अच्छी तरह वाकिफ है।
गौरतलब है कि एनएसीएन-आईएम के महासचिव थुइंगलेंग मुइवा और आरएन रवि के तीन अगस्त, 2015 को पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में एक रूपरेखा के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। 18 साल तक 80 दौर की वार्ताओं के बाद यह समझौता तैयार किया गया था। इसमें बड़ी कामयाबी 1997 में मिली थी, जब नगालैंड में दशकों तक चले उग्रवाद के बाद संघर्ष विराम के समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे।
समूह के साथ बंदूकों के साए में वार्ता स्वीकार्य नहीं है। नगा वार्ता के लिए सरकार के वार्ताकार और राज्यपाल आरएन रवि ने कहा केंद्र सरकार दशकों लंबी नगा शांति प्रक्रिया को बिना किसी विलंब के पूरा करने को प्रतिबद्ध है।राज्यपाल ने कहा, सभी मुद्दों सहित एक परस्पर सहमति वाला व्यापक हल अंतिम समझौते को रूप देने के लिए तैयार है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे मौके पर एनएससीएन-आईएम समझौते को लटकाने का रवैया अपना रहा है। उसने नगा राष्ट्र ध्वज व संविधान जैसे विवादस्पद मुद्दे उठाए हैं, जबकि वह भारत सरकार के रुख...
गौरतलब है कि एनएसीएन-आईएम के महासचिव थुइंगलेंग मुइवा और आरएन रवि के तीन अगस्त, 2015 को पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में एक रूपरेखा के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। 18 साल तक 80 दौर की वार्ताओं के बाद यह समझौता तैयार किया गया था। इसमें बड़ी कामयाबी 1997 में मिली थी, जब नगालैंड में दशकों तक चले उग्रवाद के बाद संघर्ष विराम के समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे।
आजाद भारत एक है
नागा लेन्ड का राजधानी शहर कोहिमा है। सबेर 5 बजे सबेरा ,पुलिस का कहना रात की हमारी जिम्मेदारी नही। ईसाई धरम, मारवाड़ी कोहिमा छोड़़ दीमापुर आ गये।सातों राज्यों में मारवाडी व्यापार 100 से करते है। बिहारी यु.पी. बाकी काम करते है। अब भगाये जा रहे हैं।
Very good
True
Radhe____ आप लोग मजबूत रहो नागालैंड मै नंगा करके मारेगा अमितशाह।चूहो की बरात बिल्ली का खाना नहीं खा सकती।
नागालेन्ड तीस लाख की आबादी वाला प्रदेश है।मैंने क ई बार यात्रा की है । आबादी शान्ती प्रिय है। ये अपने प्रदेश में बाहरी को बसने नहीं देना चाहते। कडी निगरानी रखते हैं बाहरी लोग पर। 80 , 70 साल के मैं और मेरे मित्र फेक शहर रूके लोगों ने कहा दो गुंडे शहर मे आये हैं निगरानी रखो।
जहा जहा हिन्दू घाटा, वहा वहा नया संविधान और नय झंडे की बात हई। अबे AmitShah कब आयेगा जनसंख्या नियन्त्रण कानुन।
Yes
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