Shivraj Singh Chouhan Kamal Nath Jyotiraditya Scindia; Who Will Win? Madhya Pradesh By Election Result 28 Seat Sand Analysis28 सीटों से तय होगा कितने ताकतवर रहेंगे सिंधिया, इस्तीफा देकर पार्टी बदलने का फॉर्मूला कितना चला?भाजपा के खाते में 20 से ज्यादा सीटें आती हैं, तो सिंधिया की प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर धमाकेदार एंट्री होगी।- फाइल फोटो।
मध्यप्रदेश उपचुनाव की 28 सीटें सिर्फ भाजपा सरकार बचाने के लिहाज से ही अहम नहीं है, बल्कि इनसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया का राजनीतिक भविष्य भी तय होगा। सीटों की संख्या से तय होगा कि भाजपा में सिंधिया की ताकत बढ़ेगी या घटेगी? यह भी पता चलेगा कि दलबदल कानून से बचने के लिए इस्तीफा देकर पार्टी बदलने का फॉर्मूला कितना कामयाब हुआ? लोगों ने थोक में दलबदल करने वाले विधायकों को स्वीकार किया या...
यूं तो शिवराज सरकार को बचाए रखने के लिए भाजपा को सिर्फ 8 सीटों की जरूरत है। इन्हें पाना आसान भी दिख दे रहा है, लेकिन पार्टी का टार्गेट कम से कम 20 सीटें हासिल करने का है। वजह साफ है, 20 से 25 के बीच सीटों का आंकड़ा ही मध्य प्रदेश को स्थायी सरकार दे सकता है, नहीं तो बाहरियों का दबाव झेलना पड़ेगा। उप चुनाव के नतीजों का सबसे ज्यादा असर उन पूर्व मंत्रियों पर पड़ने वाला है, जो सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। मुख्य रूप से तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, डाॅ.
दूसरी तरफ, कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए सभी 28 सीटों की जरूरत है। हालांकि, कम से कम 21 सीटें मिलने से कांग्रेस के वापस सत्ता में आने की संभावना बन जाएगी, लेकिन आत्मनिर्भर सरकार के लिए कांग्रेस भी जादुई आंकड़े के भरोसे है। नतीजों में सीटों की संख्या तय करेगी कि शिवराज सिंह चौहान का राजनीति में कद कैसा रहेगा? इसी तरह, कमलनाथ का सियासी भविष्य भी तय होगा।दोनों ही प्रमुख दलों में से किसी एक को भी बुहमत से कम सीटें मिलती हैं, तो विधायकों की खरीद-फरोख्त की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। दोनों...
JM_Scindia OfficeOfKNath digvijaya_28 ChouhanShivraj Finally he will get proper respect among his community & in long run may be CM of state also.