नए साल पर किसानों को यह तोहफा दे सकती है मोदी सरकार

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चुनाव हारने की वजह से केंद्र सरकार नहीं दे रही यूरिया : सीएम गहलोतराजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा आरोप जड़ते हुए कहा कि चुनाव हारने के बाद केंद्र की मोदी सरकार राजस्थान के हक का यूरिया हरियाणा भेज रही है. sharatjpr राजस्थान और मध्यप्रदेश में कांग्रेस के लोग युरिया का जमाखोरी करके युरिया का किमत बढ़ा रहे हैं किसानों ने कांग्रेस को वोट देकर गलती कर दी है भुगतना तो पड़ेगा sharatjpr अरे भाई, आपके जोकर तो मोबाइल बना सकते हैं, राफेल के लिए सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं तो यूरिया के लिए चुप क्यों है ? sharatjpr समस्या पैदा करके दोष दूसरों पर लगा रहे हो। राजस्थान की जनता ने इनको बहुमत समस्या दूर करने के लिए दिया है न कि समस्या पैदा करने के लिए।
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

अभी तक नेता किसानों को नचाते थे, पहली बार किसानों ने नेताओं को नचाया: योगेंद्र यादव- Amarujalaयोगेंद्र यादव ने कहा कि आज देश के किसान और युवा अनेक समस्याओं से जूझ रहे हैं। किसानों की भलाई के नाम पर कई योजनाएं लाई orr sahi bhi hai... jiss liye netao koh niyuth kiya jayeh woh kaam hi nah kare bass manmani kareh toh inn tetagiriyoh kah kya phayadah. इस बार जो नेता इनका वोट लेकर इनको धोखा दे देते थे उन्होंने इनपर नए चेहरे लगा कर अपने नए नेता लगा दिए है ताकि फिर किसानो को बेवकूफ बना कर वोट हासिल किए जा सके.. ap v Jujh rhe hh Kejariya ke Bhrast Nitiyo se
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »

किसानों को नहीं मिल रही एमएसपी, औने-पौने दाम पर उपज बेचने को मजबूरसभी फसलों के लिए एमएसपी निर्धारित नहीं की जाती है जिसकी वजह से टमाटर, प्याज और आलू जैसे उत्पादों की हालत बेहद ख़राब है. Na Khaunga Na Khane Doonga
स्रोत: द वायर हिंदी - 🏆 3. / 63 और पढो »

हिंदू नेताओं के कत्ल के लिए आतंकियों को फंडिंग करने के आरोपी जग्गी जौहल को जमानतFaridkot Court accepted bail for NRI Jaggi Jauhal in terror funding case | बाजाखाना में मामला दर्ज किए जाने के बाद नवंबर 2017 में गिरफ्तार किया गया था जग्गी को गिरफ्तारी के बाद भारत से ब्रिटेन तक राजनेताओं और कलाकारों ने लगाए थे जग्गी को प्रताड़ित करने के आरोप ब्रिटेन के तत्कालीन सांसद ने ट्वीट में किया था मामले पर चुप्पी साधने को लेकर मिल रही धमकियाें का खुलासा
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कर्जमाफी के लिए नियमावली लागू, किसानों को भरना होंगे तीन रंग के फार्मfarmer loan waiver farmers have to submit 3 colour form to apply for scheme | आधार कार्ड वाले किसानों को भरना होगा सफेद रंग का फार्म मेरा 7 लाख का कर्जा हैं कौनसे रंग का भरना होगा फार्म तो सिर्फ कचरे मे ही मिलेगे Bhai Log Aisay Logo Ko Vote Kyo Detay Ho Jinka Irada Nek Na Ho, Jo De Raha Tha Wo Bhi Gaya Na Haath Say, Ab Rally Nikalo Pata Chalega Lathi Ka Lahar
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तीन लाख तक के कर्ज पर कोई ब्‍याज नहीं, किसानों के लिए एनडीए बना रहा योजनाबैंक आम तौर पर ब्याज मुक्त लोन देने से हिचकते रहे हैं, अगर सरकार बैंको को ब्याज की रकम देती है तो बैंक इस योजना पर आगे काम कर सकते हैं। जो किसान समय पर अपना लोन चुकाते हैं सरकार उन्हें पहले से ही ब्याज में सब्सिडी दे रही है। ए जाते हुवे लम्हो जरा ठहरो जरा ठहरो....
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

MP, CG और राजस्थान के बाद हरियाणा के सीएम ने किसानों के लिए किया बड़ा एलानसरकार हर साल दो बार फसल का पंजीकरण करने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक एकड़ पर 1 लाख की आय कैसे हो, ये टारगेट लेकर चल रहे हैं। राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट, किसान हितो के नाम पर देश का बंटाधार किया जा रहा है, हाय रे सत्ता 60 साल से अधिक उम्र के किसानों के लिए पेंशन अच्छी योजना है। लेकिन क्या ये वृद्धावस्था पेंशन के अतिरिक्त होगी? मेरी राय है कि कृषि को उद्योग का दर्जा देते हुए किसानों को मासिक वेतन दिया जाए और फसलों के लिए खाद बीज आदि खरीदने के लिए रबी और खरीफ के हिसाब से मिले। मंहगाई भत्ता मिले। ✍✔
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »

2019 : पाठ दोबिना किसी बड़े आंदोलन, सड़कों पर विरोध प्रदर्शन के भारतीय संसद ने सामान्य वर्ग के लोगों के लिए आर्थिक आधार पर दस फीसद आरक्षण के विधेयक को पास कर दिया। इस ऐतिहासिक फैसले का ठीकरा फोड़ा गया तीन राज्यों में भाजपा की हार पर, लेकिन राजद और दक्षिण भारत के कुछ दल छोड़ सभी इस फैसले के साथ खड़े हुए। वह कांग्रेस भी साथ थी, जिसे हिंदी के तीन हृदय प्रदेशों में जीत मिली थी। माकपा जैसे वाम दल ने संसद में इस आरक्षण को वोट दे बाहर आकर बस अलग सा प्रेस नोट ही जारी किया। विरोध के दो ही बिंदु एक तो ऐन लोकसभा चुनाव और शीतकालीन सत्र के अंतिम समय में इसे लाने की अवधि और गरीबी के दायरे में आने वाली आठ लाख से कम सालाना आमदनी की सीमा है। आम चुनावों के पहले साल के दूसरे हफ्ते का पाठ यही है कि रोजगार का संकट सब समझ रहे और समाधान किसी के पास नहीं। समस्या और समाधान के बीच आरक्षण के मरहम पर बेबाक बोल।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

उत्तर प्रदेश: दोबारा ऐतिहासिक जनादेश हासिल करने साथ आई सपा-बसपाउत्तर प्रदेश में सपा-बसपा, कांग्रेस से गठबंधन नहीं चाहते, या कांग्रेस अकेले लड़ना चाहती है, इस पर बहस जारी है। लखनऊ में सपा-बसपा की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस, तस्वीरों में एक साथ मौजूद आंबेडकर और लोहिया की तस्वीर के बाद दिल्ली दरबार का पूरा विमर्श बदल गया। उत्तर प्रदेश वह प्रयोगशाला है, जहां कांशीराम और मुलायम की लहर में भी गोरखपुर की सीट भाजपा के पास थी। इसके उलट जब बसपा को शून्य पर टिका और सपा को पारिवारिक सदस्यों के बीच सिमटा दिया गया था तब गोरखपुर अलग ही राजनीतिक मोड़ लेता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश ने जो ऐतिहासिक जनादेश दिया था आज उससे उबरने के लिए सपा और बसपा साथ हैं। इस सूबे की राजनीति, केंद्र की भी राजनीति है। लोहिया-आंबेडकर की तस्वीरों को साथ रख इस समीकरण का उद्देश्य है अपने-अपने वोट बैंक को साध ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करना। केंद्र की राजनीति में सपा-बसपा के अंक मजबूत हों, इसलिए जरूरी है कि कांग्रेस का गणित बिगड़ जाए। संसद में आर्थिक आधार पर दस फीसद आरक्षण पर साथ-साथ चलने के बाद ये दोनों दल अपने-अपने वोट बैंक के पास उसी ‘पहचान’ के साथ लौट आए हैं जो इनकी बुनियाद हैं। बुनियादी विरोधाभासों के साथ वोट बैंक की ऊंची इमारत पर बैठे दोनों दलों की साझीदारी से निकले पाठ पर इस बार का बेबाक बोल।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »