पूछती है झोपड़ी और पूछते हैं खेत सबअब लड़ाई लड़ रहे हैं लोग मेरे गांव के
अब आठ दिसंबर को उन्होंने भारत बंद का एलान किया है, जिसे लगभग पूरे विपक्ष ने समर्थन दिया है।किसानों के समर्थन में न सिर्फ पंजाब हरियाणा के किसान बल्कि कई जानेमाने कलाकार, खिलाड़ी और पूर्व खिलाड़ी, पूर्व सैनिक और कई क्षेत्रों के जाने माने लोग आगे आ रहे हैं। कभी एनडीए के शिल्पकार रहे और भाजपा के सबसे पुराने सहयोगियों में एक शिरोमणि अकाली दल के शिखर पुरुष प्रकाश सिंह बादल और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींढसा ने अपने पद्म विभूषण और पद्म भूषण सम्मान लौटा दिए हैं। कुछ इसी तरह ओलंपियन विजेंद्र...
दिलचस्प है कि इस किसान आंदोलन की शुरुआत पंजाब से हुई जब कई दिनों तक आंदोलनकारी किसान रेल की पटरियों पर बैठकर अपना विरोध जताते रहे, लेकिन केंद्र सरकार ने उसे अहमियत नहीं दी और सरकार ने किसानों से बातचीत करने की कोई सार्थकर पहल नहीं की।बातचीत की कुछ खानापूरी जरूर की गई लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। इसके बाद किसानों ने 26 नवंबर से दिल्ली में धरना देने का एलान कर दिया, जिसे भी सरकार ने गंभीरता से नहीं...
फिर किसानों की मांगों को लेकर इतनी बेरुखी क्यों और किसानों को लेकर किए गए कथित सुधार कानून बनाने में इतनी जल्दबाजी और हड़बड़ी क्यों दिखाई गई। यह सवाल आंदोलनकारी किसानों के बीच आम है। किसान नेता विजय जावंधिया कहते हैं कि अगर वास्तव में मोदी जी और उनकी सरकार को किसानों की इतनी ही फिक्र है तो इन सुधार कानूनों को बनाने से पहले किसान संगठनों से बातचीत क्यों नहीं की गई। किसान नेता वी एम सिंह भी यही सवाल करते...
शुरू के दो तीन महीने सरकार इस विरोध को इसलिए नजरंदाज करती रही कि उसने इसे यही माना कि यह पंजाब के खाते पीते किसानों के एक वर्ग का विरोध मात्र है जिसे अपरोक्ष रूप से राज्य की कांग्रेस सरकार का समर्थन है। लेकिन भाजपा के सहयोगी अकाली दल को किसानों के विरोध की जमीनी आंच का अंदाजा जल्दी ही हो गया और उसने एनडीए से अपने को अलग करते हुए मोदी सरकार में अपनी एक मात्र मंत्री हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा करा दिया। लेकिन केंद्र सरकार और सत्तारूढ़ भाजपा ने इसे भी अपने लिए आपदा में अवसर माना क्योंकि भाजपा का...
किसानों के साथ लगातार कई दौर की हो चुकी बातचीत का कोई नतीजा न निकलने से जहां एक तरफ आंदोलन लंबा होता जा रहा है वहीं देश के अन्य इलाकों में ही नहीं बल्कि कनाडा, आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और अमेरिका जैसे देशों में भी अनिवासी भारतीय जिनकी जड़ें गावों में किसान परिवारों से जुड़ी हैं, समर्थन में आ रहे हैं।कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टूडो के बयान ने तो भारत सरकार को बेहद असहज किया और भारत ने इसे देश के आंतरिक मामलों में दखल बताते हुए कनाडा के उच्चायुक्त को तलब करके चेतावनी भी दे डाली।इससे दोनों देशों के...
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