गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में आरोप लगाया कि धर्म के आधार पर 1947 में कांग्रेस पार्टी ने देश का विभाजन किया जिसके कारण सरकार को अब नागरिकता कानून में संशोधन के लिए विधेयक लाने की जरूरत पड़ी.
शाह ने सवाल किया, ‘तो फिर पाकिस्तान से आए लोगों को क्यों नहीं लिया ? इसके अलावा युगांडा से आए लोगों को भी नागरिकता दी गई. दंडकारण्य कानून को लेकर आए तब भी नागरिकता दी गई. राजीव गांधी के समय भी लोगों को लिया गया.’ उन्होंने कहा कि दुनिया के अनेक देशों में ऐसे ढेर सारे उदाहरण है जहां लोगों को नागरिकता दी गई.
शाह ने कहा कि तीन देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान भारत की भौगोलिक सीमा से लगे हैं. भारत के साथ अफगानिस्तान की 106 किलोमीटर की सीमा लगती है. गृह मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान ऐसे राष्ट्र हैं जहां राज्य का धर्म इस्लाम है. अमित शाह ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से इन तीन देशों से आए छह धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की बात कही गई है. उन्होंने कहा कि इन तीनों देशों में स्वाभाविक रूप से मुसलमानों के साथ अत्याचार नहीं हुआ. गृह मंत्री ने कहा कि फिर भी कोई मुस्लिम नियमों के तहत आवेदन करता है, तब उस पर विचार किया जा सकता है.
इब्तिदाए इश्क़ है रोता है क्या। आगे आगे देखिए होता है क्या।।
जाति व वणॅ के आधार पे विभाजन करने वाले और छुआछूत ऊंच नीच को जन्म देने वाले। पिछले पांच हजार वषोॅ से देश की समस्या बने 'ब्रहम्मण' का क्या समाधान है? narendramodi rajnathsingh AmitShah RahulGandhi yadavakhilesh Mayawati Dr_Uditraj Profdilipmandal PJkanojia asadowaisi
सरकारी व कॉरपोरेट दबावों से मुक्त, जनतांत्रिक मूल्यों को आगे ले जाने और जनता से जुड़े उपेक्षित मुद्दों को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध पत्रकारिता संस्थान कांग्रेस से तो पैसे लेते ह न?
दो नेशन, मतलब एक हिन्दू के लिए और एक मुसलमान के लिए, लेकिन दोनों देशो में क्रमश हिन्दू मुसलमान गए, भारत में मुसलमान हिन्दुओं के भाई बन कर रहे, लेकिन पाकिस्तान में हिन्दू मार दिए गए, प्रताड़ित किये गए, अब बताओ वो हिन्दू कहाँ जाये, उनके लिए दुनिया में एक ही देश बचा, वो हिंदुस्तान
देश पहले से जनसंख्या के दबाव में है और आर्थिक हालात बदतर हैं अपने नागरिकों के लिये रोजगार तक नहीं ऐसे में दानवीर शहनशाह विदेशियों के स्वागत की तैयारी कर रहे हैं... देश के युवाओं का हक छीनकर विदेशियों को देना न्याय होंगा या अन्याय...
सरकार को ये भी बताना चाहिये कि यदि मुस्लिम शरणार्थी (अमित शाह के अनुसार घुसपैठिया) अपना धर्म बदल लेता है तब क्या होगा। कोई भी शरणार्थी पहले इन्सान होता है बाद में किसी धर्म को मानने वाला। इंसानों को धर्म के आधार पर विभाजित करना ग़लत (अधर्म) है। अमित शाह अधर्म कर रहे हैं।
कितनी झूठा है हमारे गृह मंत्री धर्म के आधार पर जिन्ना ने जो पाकिस्तान के मांग की उस समय गोलगावकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी यह सब धर्म के आधार पर देश बांटने का हिमायती की थी वह तो नेहरु की पटेल की आजाद की देन है हम लोगों का सारे धर्मों का समन्वय एक भारत मिला
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