‘सुपर नटवरलाल’ उर्फ ‘इंडियन चार्ल्स शोभराज’ उर्फ धनीराम मित्तल का 85 की उम्र में हार्ट अटैक से निधन हो गया. उन्हें सबसे चलाक और बुद्धिमान अपराधियों में माना जाता था. कानून से स्नातक की डिग्री होने के बाद भी मित्तल ने अपराध का रास्ता चुना था. सामने वाले को अपनी बातों में उलझाना और फिर अपनी चालबाजियों में फंसना मित्तल के लिए बाए हाथ का खेल था. हूबहू किसी के दस्तख्त करना और किसी के समाने खास शख्सियत बन जाना उसके अपराध में शामिल था. धनीराम का जन्म हरियाणा के भिवानी में 1939 को हुआ.
ये भी पढ़ें: Maldives Elections: मोहम्मद मुइज्जू की अग्नि परीक्षा, संसदीय चुनाव के लिए मतदान आज, 28 अप्रैल को आएंगे परिणामहूबहू दस्तख्त करने में माहिर धनीराम मित्तल पर करीब 150 मामले दर्ज थे. उसने लॉ की डिग्री हासिल की थी. वह अपने मुकदमों की खुद ही पैरवी करता था. उसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए रेलवे में नौकरी पाई थी. वर्ष 1968 से 74 के बीच स्टेशन मास्टर के पद पर भी काम किया. हद तब हुई जब वह एक फर्जी चिट्ठी की सहायता से खुद ही जज बन गया. करीब 2270 आरोपियों को जमानत दे दी.
हजारों केस का निपटारा कर डाला. करीब 2740 आरोपियों को जमानत दे दी गई. ऐसा कहा जाता है कि धनी राम मित्तल ने फर्जी जज बनकर अपने खिलाफ मामले की खुद ही सुनवाई कर डाली. इसके बाद खुद को बरी भी कर दिया. इससे दौरान कुछ अधिकारियों को शक भी हुआ. मगर इससे पहले वे कुछ समझ पाते धनीराम मित्तल यहां से निकल चुका था. बाद में जिन अपराधियों को रिहा किया गया था या जमानत दी गई थी, उन्हें दोबारा से खोजा और पकड़कर जेल में डाला गया.
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