दो विभागों ने सरकार से कहा था कि आईटी नियम डिजिटल कंटेंट विनियमन की अनुमति नहीं देते: रिपोर्ट

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दो विभागों ने सरकार से कहा था कि आईटी नियम डिजिटल कंटेंट विनियमन की अनुमति नहीं देते: रिपोर्ट ITRules IBMinistry IB PMO ModiGovt RTI आईटीनियम आईबीमंत्रालय आईबी पीएमओ मोदीसरकार आरटीआई

केंद्र सरकार ने हाल के महीनों में कई मौकों पर जोर देकर कहा है कि उसने विवादास्पद आईटी नियम 2021 का मसौदा तैयार किया और जारी किया, जो सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत अपनी मौजूदा शक्तियों के आधार पर विभिन्न प्रकार की ऑनलाइन सामग्री को विनियमित करने के लिए एक विस्तृत तंत्र प्रदान करता है.

वास्तव में 2020 की दूसरी छमाही में दोनों विभागों ने अलग-अलग ऑनलाइन सामग्री को विनियमित करने के लिए एक नया कानून बनाने की सलाह नरेंद्र मोदी सरकार को दी थी, क्योंकि मौजूदा कानून सरकार को इसकी अनुमति नहीं देता था, लेकिन सोशल मीडिया कंपनियों, डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म और स्ट्रीमिंग सेवाओं को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने आईटी नियमों के नए प्रावधानों के साथ आने के विवादास्पद तरीके को चुना.

अगस्त 2020 के एक नोट में आईबी ने यह भी पाया कि भारत में ओसीसीपी और यूजीसीपी द्वारा सार्वजनिक रूप से देखने के लिए कंटेंट की स्ट्रीमिंग को नियंत्रित करने के लिए कोई कानून नहीं है. उदाहरण के लिए, मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में देश के कुछ सबसे बड़े और सबसे लोकप्रिय समाचार पत्र प्रकाशक सदस्यों वाले डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन ने कहा है, ‘आईटी नियम स्पष्ट रूप से आईटी अधिनियम के प्रावधानों से बाहर हैं और इसके दायरे में महत्वपूर्ण, अन्यायपूर्ण और अवैध रूप से विस्तार का प्रयास है जो लागू कानूनों के अनुसार बिल्कुल अनुचित है.

 

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