नई दिल्ली: निर्भया की मां ने कहा, मैंने अपनी बेटी को तस्वीर को सामने रखकर उससे मन ही मन बात की.'' आज का दिन कैसे बिताएंगी, इस सवाल पर निर्भया की मां ने कहा, ''नहीं ऐसा नहीं सोचा कि जश्न मनाएंगे या कुछ खुशी मनाएंगे. जिस बच्ची ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ा उसे आज इंसाफ मिला.'' निर्भया की मां ने आगे कहा, ''इस फांसी के बाद हमारे बेटों को सिखाना पड़ेगा कि ऐसा करोगे तो ऐसा ही इंसाफ मिलेगा.
फांसी के बाद निर्भया की मां ने कहा, ''आज का दिन हमारे बच्चियों के नाम, हमारे महिलाओं के लिए.. देर से ही लेकिन न्याय मिला.. हमारे न्यायिक व्यवस्था, अदालतों को धन्यवाद. जिस केस में जिस तरह से एक-एक पिटिशन डाली गई. हमारे कानून की कमियां सामने आई और आज उसी संविधान पर सवाल उठ गया था. लेकिन एक बार फिर हमारा विश्वास हमारे देश के बच्चियों को इंसाफ मिला. हमारी बच्ची इस दुनिया में नहीं आने वाली, निर्भया को इंसाफ मिला, लेकिन आगे भी इस लड़ाई को जारी रखेंगे.
बेटी को याद करने को लेकर निर्भया की मां ने कहा, ''मुझे अपनी बेटी पर गर्व है कि उसके नाम से देश ने सलाम किया. यह हमेशा दुख रहेगा कि आज वह होती तो डॉक्टर के नाम से पहचानी जाती, लेकिन अब मैं निर्भया के मां के नाम से जानी जाती हूं. मैं सभी परिवारों से कहना चाहूंगी कि अगर ऐसा कुछ होता है तो उसे सपोर्ट करें और उसके साथ दीजिए और उसे फांसी तक पहुंचाया जाए. हम जल्द ही एक पिटिशन डालेंगे, जो प्रक्रिया को सुधारने के लिए गुहार लगाएंगे. ताकि लोगों को इस कानूनी प्रक्रिया से गुजरना न पड़े.
टिप्पणियांबता दें कि दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को एक महिला के साथ हुए सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई. जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने यह जानकारी दी. पूरे देश की आत्मा को झकझोर देने वाले इस मामले के चारों दोषियों... मुकेश सिंह , पवन गुप्ता , विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी गई. दक्षिण एशिया के सबसे बड़े जेल परिसर तिहाड़ जेल में पहली बार चार दोषियों को एक साथ फांसी दी गई.
चारों दोषियों ने फांसी से बचने के लिए अपने सभी कानूनी विकल्पों का पूरा इस्तेमाल किया और बृहस्पतिवार की रात तक इस मामले की सुनवाई चली. सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के इस मामले के इन दोषियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद तीन बार सजा की तामील के लिए तारीखें तय हुईं लेकिन फांसी टलती गई. अंतत: आज सुबह चारों दोषियों को फांसी दे दी गई.
Divya_Bhaskar ABPNews BBCHindi ndtv ravishndtv VinodDua7 asadowaisi KapilSibal SanjayAzadSln बीजेपी के राज में ऐसा भी होता है एक लंपट को इनाम (गोगोई) एक लंपट को जेल (सेंगर) एक लंपट को जमानत (चिन्मयानंद) चार लंपट को फांसी। (निर्भया के बलात्कारी) अजीब न्याय व्यवस्था है।
जो काम बहुत पहले हो जाना चाहिए था वो कितने समय के बाद हुआ, देर आए पर दुरुस्त आए, दुष्टो का अंत हुआ।
दुष्टों को उनके किये की सजा मिली,और उस हरामखोर कमीने कुत्ते वकील को भी सबक मिला कि जघन्यतम अपराधियों को बचाने के लिए कितने भी दांव-पेंच लगा लो लेकिन दुष्टों को फांसी होगी ही
Fashi kisi crime ka solution nahi hai jab tak hmre manshikta nahi change hoghi na jane kitne aur nirbaya jaise cass hmre desh me hote rahegha .
Those who are celebrating today for nirbhayagetsjustice, NirbhayaJustice must assure the country that rape and brutality cases will not happen ever again. When we will do the social/ psychological studies to find why these things happen?
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