पैंतालीस साल पहले इंदिरा गांधी ने आज ही के दिन देश में आपातकाल लगाया था. 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा के साथ ही सभी नागरिकों के मौलिक अधिकार खत्म कर दिए गए थे. अभिव्यक्ति का अधिकार ही नहीं, लोगों के पास जीवन का अधिकार भी नहीं रह गया था. प्रेस सेंसरशिप, नसबंदी, दिल्ली के सौंदर्यीकरण के नाम पर जबरन झुग्गियों को उजाड़ा जाना और कई ऐसे फैसले रहे, जिसकी वजह से भारत के आपातकाल को देश का सबसे काला दिन कहा जाता है.
जय प्रकाश नायारण: इंदिरा गांधी के खिलाफ मुखर आवाज उठाने वालों में प्रमुख रूप से जय प्रकाश नारायण का नाम आता है. आपातकाल के खिलाफ पूरे आंदोलन का मुख्य चेहरा रहे, इसीलिए इन्हें जेपी आंदोलन के जनक के नाम से भी जाना जाता है. हालांकि 1948 में उन्होंने कांग्रेस के समाजवादी दल का नेतृत्व किया और बाद में गांधीवादी दल के साथ मिलकर समाजवादी सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना की. 1974 से लेकर 25 जून 1975 तक देश में किसान और छात्रों का आंदोलन को एक नया मुकाम दिया.
आपातकाल लगने के कुछ ही घंटों के अंदर सबसे पहले राजनारायण को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था. 21 महीने तक राजनारायण जेल में रहे. आपातकाल के बाद 1977 में जब चुनाव हुई तो रायबरेली से इंदिरा गांधी के खिलाफ राजनारायण एक बार फिर मैदान में उतरे और जबरदस्त जीत हासिल कर जनता पार्टी सरकार में मंत्री बने.
Har din ek propoganda ....aaj ka baat karo logo ka baat karo kitne dalali karoge BJP ka......disappointing
तब सवाल उठाने वाले को देशद्रोही नहीं कहा जाता था इसलिए वो लीडर उभरें और आज की तरह ज्यादातर मीडिया गोदी नहीं थी
और भाजपाकाल का हर एक दिन देश के लिए काला है🙏🙏🙏
यह है मीडिया का हरामीपन ध्यान बाटने का अदभुत तरीका ।मीडिया मैनेज करो जनता को मूर्ख बनाओ बस्तबिकता सामने आएगी ही नही।
सत्ता के मजे ले रहे है , आपातकाल वरदान था , पर कहते है खराब था।
B & D... आ गए चापलूस पत्रकार बचाने साहब को गड़े मुर्दो के साथ.. मर्जी जो कर लो.. गधा कभी शेर नही बन सकता...
Aj bhi aghosoit aapatkaal hai.
पिछला याद दिला भक्तन ने कब तक छलेंगे देश सपने दिखादिखा अम्बानि पारख शाह पास लगा नोटों का ढेर कहीं डलवाना भक्तन को पटवाना! स्पेस नाम पर! देश केवपास होवित्जर के गोले नहीं सेना की पोशाक का मटिरियल नहीं 35हवाईजहाज तो तुरंत चाहिए! बुलाओ ताई बीना काक को बोलें बढिया है!
इस देश मे जो हो रहा है वो सब कांग्रेस का उद्पाद है जो तैयार कर रखा हुआ है। सरे हालत फसाद का जर है कोंग्रेस है। जूतों से मरने का दिल कर रहा है।
This is call..bika hua news channel....jab desh aaj naye logo ke haath main aur aaj ki sarkar apni galtiya chupane ke liye purane muddo ko utha ke aaj ki awaj dabana chahti hai. News channel ko use karke.
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