दुनिया मेरे आगे: रिश्तों की डोर और जिंदगी का आनंद, भरोसा हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं

  • 📰 Jansatta
  • ⏱ Reading Time:
  • 26 sec. here
  • 2 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 14%
  • Publisher: 63%

Dunia Mere Aage समाचार

रिश्ता कोई भी हो, लेकिन अगर निबाह सही है, तो जीवन में उलझनें भी बहुत कम होंगी। सब कुछ व्यवस्थित और आसानी से चलता रहेगा। पढ़ें शीला श्रीवास्तव के विचार।

परिवार के रिश्ते हों या फिर सामाजिक स्तर पर विकसित हुए संबंध, हरेक का अपना महत्त्व है। कहते हैं कि रिश्ते हवा की तरह होते हैं और हमेशा आसपास मौजूद होकर सामाजिकता के विस्तार के साथ-साथ जीवन को सांसें देते रहते हैं। इनका सहारा न हो तो व्यक्ति के सामने कई बार भटकाव के हालात बनने लगते हैं। परदेस में कोई परिचित या अपने आसपास के इलाके से परिचित या वहीं का कोई व्यक्ति मिल जाए, तो बांछें खिल जाती हैं। एकाकीपन के बीच अगर कोई दिल के करीब आकर अपना बन कर या इसका अहसास देकर सिर पर हाथ रख दे, तो दुख के पलों...

का शिकार हो जाता है। इसमें अवसाद भी शामिल है और इसी अवसाद के दलदल में पहुंच कर कितने लोग मौत को गले लगा लेते हैं। इन परिस्थितियों का सामना करने के लिए हमारे पास रिश्तों की विरासत है। इसे सींचकर ऐसी परिस्थितियों से बचा जा सकता है। बच्चों में स्नेह और धैर्य के बीज अंकुरित करने की जरूरत है। माता-पिता, भाई-बहन, घर के बुजुर्गों, परिजनों और दूर के रिश्तेदारों का सम्मान करने और बच्चों को सिखाना चाहिए। रिश्ते चाहे प्राकृतिक हों या सामाजिक, इसको चलाने में प्रेम, सराहना, समय, सामंजस्य, सहयोग की दरकार...

 

आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। आपकी टिप्पणी समीक्षा के बाद प्रकाशित की जाएगी।
हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

 /  🏆 4. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

दुनिया मेरे आगे: आभासी दुनिया से बाहर निकल कर प्रकृति के साथ जीने का उठाएं आनंदआज संगीत के साथ-साथ संवाद के अन्य माध्यम हमारे सोशल मीडिया के कारण ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं कि त्वरित गति से संदेश आजकल कहीं भी पहुंच जाते हैं और एक बड़े दायरे से लोगों को जोड़ देते हैं। इस समय यह एक नया चलन है। अब संगीत और सुर का स्थान कहां है?
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

दुनिया मेरे आगे: मन शांत होगा तो निर्णय लेने की क्षमता भी दृढ़ होगीअमूर्त विचारों को मूर्त रूप देने, अपनी रुचियां परिष्कृत करने और मनन के लिए अपने एक कोने की जरूरत बहुत सारे लोगों को महसूस होती है, जहां संसार से कुछ देर के लिए दूर होकर आत्मिक उन्नति का आधार ढूंढ़ा और अपने मन को शांत, उसकी थकावट दूर की जा सके।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर आगे बढ़ा मतदान, अब छठे चरण में होंगे चुनावLok Sabha ELections: हालिया बर्फबारी और भूस्खलन की वजह से इलाके में प्रचार तक नहीं हो पा रहा है और अहम रास्ते मुगल रोड से गुज़रना भी मुश्किल है।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

दुनिया मेरे आगे: दृश्य और दृष्टा, समाज का बाहरी परिवेश और मानवीय संवेदना का संबंधवन में विभिन्न अनुभव होना अलग बात है और उन अनुभवों को गहराई से समझना और सीखना अलग बात है। यह दृश्य से पूरी तरह तादात्म्य करके नहीं, बल्कि साक्षी भाव से और कुछ दूरी रखकर समझा जा सकता है, क्योंकि साध्य तक पहुंचने के लिए साधन सिर्फ माध्यम होते हैं। पढ़े मीना बुद्धिराजा के...
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

T20 World Cup Squads: पाकिस्तान समेत वो 11 देश, जिन्होंने घोषित नहीं की टीम, क्या कहता है नियम...T20 World Cup Squads: टी20 वर्ल्ड कप शुरू होने में अब एक महीने का वक्त भी नहीं बचा है, लेकिन कुछ टीमों की परेशानी खत्म ही नहीं हो रही है.
स्रोत: News18 India - 🏆 21. / 51 और पढो »