पुरातत्वविदों के अनुसार चीन के इनर मंगोलिया इलाके में 4.2 सेंटीमीटर लंबी और 2 सेंटीमीटर चौड़ी कली का जीवाश्म मिला है. इसके साथ इसका तना भी है. जिसमें पत्तों के होने के सबूत भी शामिल हैं. एक गुब्बारे जैसा फूला हुआ फल है, और साथ में एक छोटी कली भी जो 3 वर्ग मिलिमीटर की है. वैज्ञानिकों ने इसे फ्लोरिजर्निनिस जुरासिका नाम दिया है.
पौधे दो प्रकार के होते हैं. पहला तो फूल देते हैं- यानी एंजियोस्पर्म . दूसरे जो फूल नहीं देते- यानी जिम्नोस्पर्म . नए जीवाश्म में दिख रही कली और फल ये बात स्पष्ट करते हैं कि यह एंजियोस्पर्म है. यह जुरासिक काल में सबसे ज्यादा पाया जाने वाले पौधों में से एक था. अभी तक जो प्राचीन जीवाश्म मिले थे, उनसे पता चला था कि एंजियोस्पर्म 6.6 करोड़ साल से 14.5 करोड़ साल के बीच तक पैदा नहीं हुए थे. ये क्रिटेशियस काल था. लेकिन नए जीवाश्म ने इस पुरानी अवधारणा को ध्वस्त कर दिया है.
जिन वांग ने कहा कि Nanjinganthus को लेकर वैज्ञानिकों ने यह सवाल भी उठाया था कि क्या सच में एंजियोस्पर्म है. क्योंकि उसके पत्ते की आकृतियां जिम्नोस्पर्म की तरह थी. क्योंकि फूल बेहद नाजुक होते हैं. उनका जीवाश्म बनना एक बेहद जटिल प्रक्रिया है. अगर वो जीवाश्म बन भी गए तो उनकी अन्य पौधों के साथ तुलना करना या समानता करना बेहद मुश्किल हो जाता है. लेकिन नया जीवाश्म पूरी तरह से एंजियोस्पर्म है. इस बात की तो साफ-साफ पुष्टि होती है.
जुरासिक काल के जो अन्य पौधे खोजे गए हैं, उनमें शामिल हैं - Nanjinganthus, Juraherba, Yuhania, Jurafructus, Xingxueanthus and Schmeissneria. वैज्ञानिकों का मत है कि ये भी एंजियोस्पर्म हो सकते हैं. लेकिन जिन वांग का कहना है कि जब तक इनके जीवाश्म का विस्तृत अध्ययन नहीं कर लेते, किसी नतीजे पर पहुंचना मुश्किल है. क्योंकि इनमें से कई जेनेरा जिम्नोस्पर्म से मिलते हैं. ये सभी जुरासिक काल में हुए थे.
अद्भुत
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।