आबकारी विभाग को उत्पाद ड्यूटी के रूप में पिछले साल की तुलना में करीब एक प्रतिशत अधिक कमाई हुई है। हालांकि डिपार्टमेंटल स्टोर के बंद होने से इस साल इसमें कमी आई है। लोगों ने 25 दिसंबर व 31 दिसंबर को खूब जाम झलकाए।
आबकारी विभाग के सूत्रों के अनुसार दिसंबर महीने में एक हजार करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई, इससे सरकार को 465 करोड़ रुपये राजस्व मिला जबकि पिछले साल दिसंबर महीने में आंकड़ा 460 करोड़ रुपये था। शराब पर करीब 48 प्रतिशत बिक्री कर होता है। इस साल उम्मीद थी कि कर के रूप में 485 करोड़ रुपये आबकारी विभाग को मिलेंगे लेकिन 120 डिपार्टमेंटल स्टोर दिसंबर महीने में बंद करने से बिक्री में कमी आई जिससे राजस्व भी घटा। इन स्टोर पर कुल मिलाकर अन्य महीनों में करीब 15 करोड़ रुपये की शराब बिक्री होती थी। दिसंबर महीने 25 करोड़ के करीब कर आता था।आबकारी विभाग को उत्पाद ड्यूटी के रूप में पिछले साल की तुलना में करीब एक प्रतिशत अधिक कमाई हुई है। हालांकि डिपार्टमेंटल स्टोर के बंद होने से इस साल इसमें कमी आई है। लोगों ने 25 दिसंबर व 31 दिसंबर को खूब जाम...
आबकारी विभाग के सूत्रों के अनुसार दिसंबर महीने में एक हजार करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई, इससे सरकार को 465 करोड़ रुपये राजस्व मिला जबकि पिछले साल दिसंबर महीने में आंकड़ा 460 करोड़ रुपये था। शराब पर करीब 48 प्रतिशत बिक्री कर होता है। इस साल उम्मीद थी कि कर के रूप में 485 करोड़ रुपये आबकारी विभाग को मिलेंगे लेकिन 120 डिपार्टमेंटल स्टोर दिसंबर महीने में बंद करने से बिक्री में कमी आई जिससे राजस्व भी घटा। इन स्टोर पर कुल मिलाकर अन्य महीनों में करीब 15 करोड़ रुपये की शराब बिक्री होती थी। दिसंबर महीने 25 करोड़ के करीब कर आता था।
सरकार शराब पर टैक्स नही बढाती। जरूरी चीजे महंगी करती है।
लोग तो चिल्लाकर कहते हैं कि बेरोजगारी है, फिर शराबखोरी के लिये इतना पैसा आया कहाँ से।
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