पूर्वी दिल्ली में पिछले हफ्ते हुए दंगों में मारे गए 27 साल के राहुल सोलंकी घर से दूध लेने के लिए निकले थे लेकिन अचानक पत्थरबाजी होने लगी और अचानक एक गोली उसके गले में जा लगी. राहुल के आस-पास खड़े लोग तुरंत मौके से भाग गए. राहुल के पिता हरि सिंह सोलंकी कहते हैं,"राहुल का छोटा भाई और उसके मामा का बेटा उसे कई नर्सिंग होम लेकर गए लेकिन किसी ने भी फर्स्ट एड नहीं दिया.
हिंसा में दंगाइयों ने सीमा सुरक्षा बल के जवान मोहम्मद अनीस का भी घर जला दिया. अनीस के घर वालों ने किसी तरह से भागकर जान बचाई थी. हिंसा के वक्त अनीस घर पर नहीं थे और उनके पिता ने उन्हें फोन कर इसकी सूचना दी थी. हिंसा की खबर मिलने के बाद उड़ीसा में तैनात अनीस खजूरी खास स्थित अपने घर लौटे तो घर को जला हुआ पाया. अनीस कहते हैं,"मैं फौज में हूं लेकिन फौज में हिंदू-मुसलमान नहीं होता है और ना ही किसी की जाति के बारे में पूछा जाता है. फौज में सब एक हैं और सब भारतीय हैं.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगाइयों ने मोहम्मद असलम का घर भी फूंक डाला था. असलम जब तक हिंसा की गंभीरता को समझ पाते तब तक बेकाबू भीड़ उनके दरवाजे थी और उसने घर पर तोड़-फोड़ और आगजनी शुरू कर दी. असलम बताते हैं,"मेरा घर जला दिया गया, घर पर जो पैसे और जेवर थे वह भी जला दिए गए.” असलम बताते हैं कि हमले से पहले तो आंसू गैसे के गोले की आवाज आ रही थी और झगड़ा दूसरी तरफ चल रहा था और दोनों तरफ से पथराव हो रहे थे.
इसी तरह से भजनपुरा में बेकरी चलाने वाले ज्ञानेंद्र कुमार कहते हैं कि वह कुछ लोगों के साथ अपनी बेकरी को बचाने में लगे हुए थे लेकिन एक समय में हजारों की भीड़ के बीच वह अपनी बेकरी बचाने में नाकाम रहे. वह कहते हैं,"मुझे अंदाजा नहीं था कि लोग इस तरह का तांडव मचाएंगे और बेकरी को आग के हवाले कर देंगे. मुझे लगा था कि लूटपाट होगी और भीड़ चली जाएगी लेकिन मेरी सोच गलत थी. भीड़ ने पहले दुकान लूटी और फिर इसमें आग लगा दी.
दंगों के वक्त को याद करते हुए 46 साल की ऊषा बताती हैं कि जिस गली में वह रहती हैं वहां अचानक भीड़ आ गई और वह अपनी और बच्चों की जान बचाने के लिए सुरक्षित ठिकाने पर चली गई. ऊषा कहती हैं,"हमें नहीं पता कि वो कौन लोग थे, लेकिन वह इस गली के लोग नहीं थे, जो भी हमला करने वाले लोग थे वह बाहरी थे.” शिव विहार में एक कार पार्किंग को भी दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया था और उसमें 50 से 60 गाड़ियां जलकर खाक हो गई थीं.
400Wounds NeverForget400Wounds
Bhosadiwalo thode jakhm Hinduo ke bhi to dikhado.... Inspector se le ke IB officer tak ko 400 stab wounds mile the... tab tumhari reporter Gaand marane jati hai kya
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