उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित मामलों में पहली सजा सुनाते हुए राजधानी की एक अदालत ने एक वृद्ध महिला के घर में आग लगाने के मामले में बीते बृहस्पतिवार को एक व्यक्ति को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई और कहा कि दोषी का अपराध बहुत ही गंभीर है.
इस आदेश का व्यापक महत्व है, क्योंकि यादव पहला व्यक्ति है, जिसे उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुए दंगों से जुड़े मामले में जेल की सजा सुनाई गई है. मनोरी यह कहते हुए कि उन्होंने यादव को घर में प्रवेश करते या बाहर निकलते नहीं देखा था, अपने बयान के खिलाफ चली गई थीं.के खिलाफ पर्याप्त रिकॉर्ड हैं, आरोप तय किए थे.
एएसजे भट ने कहा, ‘बेशक, दोषी पहली बार का अपराधी है और उसका अतीत साफ-सुथरा रहा है. इस बात का कोई सबूत नहीं था कि उसने सीधे तौर पर हिंसा की घटना को अंजाम दिया था. सजा की अवधि तय करते समय दोषी की कम उम्र को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए.’में कहा गया है कि यादव को केवल आईपीसी की धारा 149 की धारा के आधार पर दोषी ठहराया गया है.
हालांकि, यादव के वकील ने न्यायाधीश से एक उदार सजा का अनुरोध किया, क्योंकि उसने खुद को सुधार लिया था और एक साल से अधिक समय तक जेल में रहकर सबक सीखा था.
यादव को 5 साल की जेल शुक्ला तिवारी अब भी आज़ाद है
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