दिग्गज दंगल राजस्थानः विकास और मुद्दे गायब, महारथियों से आस

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जोधपुर में उम्मीदवारों के बजाय कांग्रेस में मुख्यमंत्री गहलोत और भाजपा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामों का ही जलवा चल रहा है। ऐसे में जोधपुर संसदीय क्षेत्र में एक तरह से चुनावी जंग गहलोत बनाम मोदी बन गई है। इन दो बड़े नामों के बीच मचे चुनावी घमासान में मुददे गायब हो गए हैं। कांग्रेस हालांकि जोधपुर को स्मार्ट सिटी में शामिल नहीं करने को मुददा बना रही है। भाजपा राष्ट्रवाद और हवाई हमले के साथ ही केंद्र सरकार की तरफ से चलाई गई कल्याणकारी योजनाओं को उठा रही है। इस सबके बावजूद जनता के बीच तो गहलोत बनाम मोदी ही मुददा बने हुए हैं।\n

जोधपुर में उम्मीदवारों के बजाय कांग्रेस में मुख्यमंत्री गहलोत और भाजपा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामों का ही जलवा चल रहा है। ऐसे में जोधपुर संसदीय क्षेत्र में एक तरह से चुनावी जंग गहलोत बनाम मोदी बन गई है। इन दो बड़े नामों के बीच मचे चुनावी घमासान में मुददे गायब हो गए हैं। कांग्रेस हालांकि जोधपुर को स्मार्ट सिटी में शामिल नहीं करने को मुददा बना रही है। भाजपा राष्ट्रवाद और हवाई हमले के साथ ही केंद्र सरकार की तरफ से चलाई गई कल्याणकारी योजनाओं को उठा रही है। इस सबके बावजूद जनता के बीच तो...

जोधपुर शहर की सबसे बड़ी पेयजल समस्या का समाधान गहलोत ने ही किया। प्रदेश के अन्य शहरों में भले ही पीने के पानी की मारामारी हो पर जोधपुर के लोगों को भरपूर पेयजल मिलता है। गहलोत के लिए जोधपुर सीट का महत्व इसी से जाना जा सकता है कि नामांकन के बाद उन्होंने इलाके के कई दौरे किये है। गहलोत ने छोटी छोटी सभाओं के जरिये मतदाताओं को साधने का काम भी किया है। गहलोत का कहना है कि भाजपा के धोखे में अब जनता आने वाली नहीं है। भाजपा राष्ट्रवाद के जरिये भावनात्मक मुददों को उठा कर लोगों को भ्रमित करना चाहती...

भाजपा के गजेंद्र सिंह शेखावत ने पिछला चुनाव 4 लाख 10 हजार वोटों के भारी अंतर से जीता था। कांग्रेस को इस अंतर को पाटने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। व्यास का कहना है कि चुनाव के मुददे तो बड़े नामों मोदी और गहलोत के कारण हवा ही हो गए हैं। जोधपुर की जनता भी इसे गहलोत और मोदी के बीच का ही चुनाव मान रही है।

 

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